
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में गुरुवार को आए बादल फटने की घटना ने पूरे प्रदेश को गहरे सदमे में डाल दिया है। इस प्राकृतिक आपदा ने न केवल कई घरों को तबाह कर दिया, बल्कि बड़ी संख्या में लोगों की जान भी ले ली। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर हालात का जायजा लिया और पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने त्रासदी में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की।
मीडिया से बातचीत में सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह आपदा बेहद भयावह है और हम कई कीमती जिंदगियां खो चुके हैं। अब तक करीब 55 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 100 से अधिक लोग घायल हैं। इनमें से कई की हालत गंभीर बनी हुई है और उन्हें बेहतर इलाज के लिए जम्मू रेफर किया गया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि लगभग 70 से 80 लोग अब भी लापता हैं और उनका कोई सुराग नहीं मिल पाया है। उन्होंने कहा कि प्रशासन लगातार सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहा है, लेकिन लापता लोगों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि जब वे राहत कार्यों की समीक्षा कर लौट रहे थे, तभी रास्ते में एक शव मिला, जो इस आपदा की भयावहता को और स्पष्ट करता है। उन्होंने कहा कि सरकार और प्रशासन पूरी ताकत के साथ राहत और बचाव कार्य में जुटे हैं। प्राथमिकता हर हाल में लोगों की जान बचाने की है। उन्होंने प्रभावित परिवारों को भरोसा दिलाया कि हर संभव मदद पहुंचाई जाएगी और पुनर्वास कार्य तेजी से किया जाएगा।
सीएम उमर अब्दुल्ला ने आगे कहा कि जान की कीमत कोई भी नहीं चुका सकता, लेकिन सरकार इस आपदा से प्रभावित हर परिवार को पूरी सहायता देगी। उन्होंने बताया कि कई घर और दुकानें भी क्षतिग्रस्त हुई हैं और वहां तक राहत पहुंचाने का कार्य जारी है।
गौरतलब है कि किश्तवाड़ के चिशोती इलाके में बादल फटने के बाद अचानक आई बाढ़ ने तबाही मचा दी। यह वही स्थान है जहां श्री मचैल यात्रा के दौरान वाहनों की पार्किंग और अस्थायी दुकानों की व्यवस्था की जाती है। घटना के बाद प्रशासन ने श्री मचैल यात्रा को अगली सूचना तक स्थगित कर दिया है। इस समय एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय पुलिस-प्रशासन युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं।














