
जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले के अखाल इलाके में आतंकियों के खिलाफ चल रहा ऑपरेशन शनिवार (09 अगस्त, 2025) को नौवें दिन भी नहीं थमा। रातभर इलाके में गोलियों की तड़तड़ाहट और धमाकों की गूंज सुनाई देती रही। इसी दौरान सेना के दो बहादुर जवान – लांस नायक प्रितपाल सिंह और सिपाही हरमिंदर सिंह – देश की रक्षा करते हुए शहीद हो गए। चिनार कॉर्प्स ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनका साहस और बलिदान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत रहेगा।
पिछली रात की फायरिंग में दो और जवान घायल हुए थे, जबकि इस लंबे ऑपरेशन के दौरान अब तक कुल दो जवान शहीद और दस जवान घायल हो चुके हैं। सेना को एक आतंकी का शव भी बरामद हुआ है। सूत्र बताते हैं कि घने जंगल और प्राकृतिक गुफाओं जैसे ठिकानों का फायदा उठाकर कम से कम तीन या अधिक आतंकी अभी भी छिपे हुए हैं।
घाटी के इतिहास में सबसे लंबे ऑपरेशनों में शामिल
अखाल के जंगलों में 1 अगस्त को शुरू हुई यह कार्रवाई अब कश्मीर घाटी के सबसे लंबे आतंकवाद-रोधी अभियानों में गिनी जा रही है। उस दिन सुरक्षा एजेंसियों को इलाके में आतंकियों की मौजूदगी के पुख्ता इनपुट मिले थे। इसके बाद पूरे क्षेत्र को घेरते हुए तलाशी अभियान चलाया गया, जो जल्द ही गोलीबारी में बदल गया।
अब तक सुरक्षाबल दो आतंकियों को ढेर कर चुके हैं, लेकिन बाकी को पकड़ने या मार गिराने के लिए तलाशी लगातार जारी है। ऑपरेशन की चुनौती इस बात से भी बढ़ गई है कि आतंकियों ने कठिन भौगोलिक परिस्थितियों वाले क्षेत्रों को अपना ठिकाना बना रखा है।
हाई-टेक उपकरण और पैरा कमांडो की तैनाती
ऑपरेशन पर नजर जम्मू-कश्मीर पुलिस प्रमुख नलिन प्रभात और सेना के उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा रख रहे हैं। आतंकियों के ठिकानों की सटीक लोकेशन पता करने के लिए ड्रोन, हाई-रिज़ॉल्यूशन कैमरे और हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल हो रहा है।
साथ ही, पैरा कमांडो की विशेष टीमें भी इस मिशन में सक्रिय रूप से भाग ले रही हैं। सुरक्षा बलों का मानना है कि आधुनिक तकनीक और विशेष बलों के संयुक्त प्रयास से यह लंबा ऑपरेशन जल्द ही निर्णायक मोड़ पर पहुंच सकता है।














