
जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने रविवार से ‘हर घर दस्तक, हमारा हक’ अभियान की शुरुआत की। यह अभियान “हमारी रियासत – हमारा हक” का चौथा चरण है, जिसे जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल कराने और नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिए चलाया जा रहा है। इस अभियान की शुरुआत पुरानी मंडी, वार्ड नं. 11, जम्मू पूरब से हुई। मौके पर स्थानीय नागरिकों और पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच प्रभावी संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस कार्यक्रम का नेतृत्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष तारिक हमीद करा ने किया। उनके साथ कार्यवाहक अध्यक्ष रमण भल्ला, पूर्व मंत्री व पूर्व विधायक जम्मू पूरब योगेश साहनी, मुख्य प्रवक्ता व पूर्व एमएलसी रविंदर शर्मा, पूर्व एमएलसी एवं पार्टी मुख्यालय प्रभारी वेद महाजन सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया।
राज्य का दर्जा बहाल होने तक संघर्ष जारी रहेगा
करा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग पिछले छह वर्षों से राज्य का दर्जा, पहचान, संवैधानिक अधिकार और लोकतांत्रिक ढांचे की बहाली की प्रतीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जनता के साथ मजबूती से खड़ी है और राज्य का दर्जा बहाल होने तक संघर्ष जारी रहेगा। करा ने केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि बिना राज्य का दर्जा बहाल किए विकास, शांति और प्रगति असंभव है।
उन्होंने भाजपा के 29 सांसदों और विधायकों से सवाल किया कि वे इस संवेदनशील मुद्दे पर अपनी चुप्पी क्यों बनाए हुए हैं। रमण भल्ला ने कहा कि राज्य का दर्जा छिनने के बाद जम्मू क्षेत्र सबसे अधिक प्रशासनिक उपेक्षा का सामना कर रहा है। बेरोजगारी, महंगाई, आर्थिक मंदी और बढ़ते बिजली बिलों ने जनता की परेशानियां और बढ़ा दी हैं।
पूर्व मंत्री योगेश साहनी ने बताया कि मौजूदा नौकरशाही शासन ने जनता से निर्णय लेने की शक्ति छीन ली है। न अधिकारी जवाबदेह हैं और न उपलब्ध। इस वजह से जमीनी विकास, नगर नियोजन और जन शिकायत निवारण प्रणाली पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
डोगरा पहचान, सम्मान और अधिकारों का जन आंदोलन
कांग्रेस का यह अभियान लोकतांत्रिक संस्थाओं के क्षरण के खिलाफ जन चेतना जगाने का प्रयास है। मुख्य प्रवक्ता रविंदर शर्मा ने कहा कि ‘हमारी रियासत – हमारा हक’ अभियान डोगरा पहचान, सम्मान और अधिकारों का जन आंदोलन है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में दरबार मूव बहाली का वादा किया था, जिसे गठबंधन सरकार ने पूरा किया।
वेद महाजन ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने डोगरा राज्य को घटाकर केंद्र शासित प्रदेश बनाने का निर्णय लिया, जिससे जनता की पहचान, गरिमा और लोकतांत्रिक अधिकार छीन लिए गए। उन्होंने राज्य का दर्जा तुरंत बहाल करने की मांग की।
इस अवसर पर कई प्रमुख राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस में शामिल होकर अपना समर्थन दिया। कार्यक्रम को सोहित शर्मा, संजीव पंडा, कपिल सिंह, नीरज गुप्ता, राजीव कौल सारफ, विजय शास्त्री, राजवीर सिंह, पवन सिंह, वीरेंद्र मनहास, अभिमन्यु सिंह, भविष्य सूदन, अनुराधा शर्मा, विजयंती पठानिया, प्रेम शर्मा, जतिन वशिष्ठ, अतुल शर्मा, राम मंगोत्रा, राकेश शर्मा, अजय कुमार, अमित गुप्ता, अनिरुद्ध साहनी, डॉ. सोहैब मन्हास, मेहुल अब्रोल, हैरिस अली, शोएब मलिक आदि ने संबोधित किया।














