
जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री सुरेंद्र चौधरी ने उम्मीद जताई है कि इस बार 79वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले की प्राचीर से घोषणा करेंगे कि प्रदेश को फिर से पूर्ण राज्य का दर्जा लौटाया जाएगा। ताली मोड़ बारी में नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) की ओर से आयोजित जनसभा में बोलते हुए सुरेंद्र चौधरी ने 5 अगस्त 2019 की घटनाओं को याद किया। उन्होंने आरोप लगाया कि उस समय केंद्र सरकार ने एकतरफा फैसला लेते हुए जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों—जम्मू-कश्मीर और लद्दाख—में विभाजित कर दिया। चौधरी के अनुसार, यह कदम जनता की इच्छा के विपरीत था और नागरिकों ने इसे कभी स्वीकार नहीं किया।
केंद्र से वादे निभाने की अपील
डिप्टी सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने पहले आश्वासन दिया था कि उचित समय पर प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा लौटा दिया जाएगा। उनके मुताबिक, "अब वही सही समय आ गया है। उम्मीद है कि लाल किले से यह ऐलान होगा और जम्मू-कश्मीर के लोगों का विश्वास बहाल होगा।" सभा में चौधरी ने उमर अब्दुल्ला सरकार की उपलब्धियां भी गिनाईं। उन्होंने बताया कि महिलाओं को बसों में नि:शुल्क यात्रा की सुविधा दी गई है। विवाह सहायता राशि को 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार कर दिया गया है। इसके अलावा, 200 यूनिट मुफ्त बिजली, वरिष्ठ नागरिक, विधवा और दिव्यांगजनों के लिए पेंशन, और अन्य कई कल्याणकारी योजनाएं लागू की जा रही हैं। एनसी के प्रांतीय अध्यक्ष रतन लाल गुप्ता ने कहा कि हालिया 2024 विधानसभा चुनावों ने साफ कर दिया है कि जनता 2019 के फैसले से संतुष्ट नहीं है। एनसी-कांग्रेस गठबंधन को मिले भारी बहुमत को उन्होंने लोकतांत्रिक जनादेश का प्रमाण बताया और कहा कि इसका सम्मान होना चाहिए।
जनसंपर्क अभियान और जनता के साथ जुड़ाव
गुप्ता ने जानकारी दी कि पार्टी ने जम्मू क्षेत्र में जनसंपर्क कार्यक्रमों को और तेज़ कर दिया है। उन्होंने कहा, "हम लोगों की समस्याएं सुन रहे हैं, उनका समाधान करने का प्रयास कर रहे हैं, और उन्हें उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली सरकार की 10 महीने की उपलब्धियों से अवगत करा रहे हैं।" उन्होंने दोहराया कि पार्टी जम्मू-कश्मीर के नागरिकों की आकांक्षाओं के साथ मजबूती से खड़ी है और उनके संवैधानिक अधिकारों तथा पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए लगातार प्रयास करती रहेगी।














