
जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही भारी बारिश ने हालात को बिगाड़ दिया है। झेलम नदी उफान पर है और श्रीनगर में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। प्रशासन ने तुरंत प्रभाव से कई निचले इलाकों को खाली करने के आदेश जारी किए हैं। बडगाम जिले में शालिना क्षेत्र में नदी के तटबंध पर दरार की सूचना ने हालात को और चिंताजनक बना दिया है। अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि संवेदनशील क्षेत्रों से लोगों को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए।
एहतियात के तौर पर लासजान, सोइतेंग, नौगाम, व्येथपोरा, गोलपोरा, पदशाहीबाग और महजूरनगर जैसे इलाकों से लोगों को निकाला जा रहा है। प्रशासन ने राहत केंद्र स्थापित किए हैं जहां विस्थापित लोगों को भोजन और आश्रय उपलब्ध कराया जा रहा है। वहीं डोडा जिले के भद्रवाह क्षेत्र में लगातार तीसरे दिन हो रही बारिश से हालात गंभीर बने हुए हैं।
मौसम विभाग ने जम्मू-कश्मीर के कई जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है। राजौरी, रियासी, जम्मू, उधमपुर, रामबन और किश्तवाड़ में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। सांबा, कठुआ, बडगाम, शोपियां, कुलगाम, बांदीपोरा, बारामूला, पुलवामा और गंदेरबल में ऑरेंज अलर्ट घोषित किया गया है। श्रीनगर, अनंतनाग और कुपवाड़ा जिलों को येलो अलर्ट पर रखा गया है।
लगातार बारिश से चिनाब नदी का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है। राजौरी और आसपास के इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं, जिससे घरों और सड़कों में पानी भर गया है। स्कूलों को सुरक्षा की दृष्टि से बंद कर दिया गया है और लोगों को घर के अंदर रहने की सलाह दी गई है।
प्रशासन ने साफ कहा है कि अगले 48 घंटे बेहद अहम होंगे क्योंकि मौसम विभाग ने बादल फटने, भूस्खलन और अचानक बाढ़ की भी चेतावनी जारी की है। ऐसे में स्थानीय लोगों को एहतियात बरतने, जल निकायों के पास यात्रा न करने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की सख्त हिदायत दी गई है।














