
चंडीगढ़। हरियाणा के एडीजीपी रैंक के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या के मामले में राज्य सरकार ने तुरंत एक्शन लिया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के निर्देश पर शनिवार को रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजारणियां को उनके पद से तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है।
बिजारणियां, जो 2015 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं, इस केस में मुख्य आरोपियों में से एक बताए जा रहे हैं। पूरन कुमार ने सुसाइड से पहले एक कथित नोट में डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारणियां सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों पर जातिगत भेदभाव और मानसिक प्रताड़ना के आरोप लगाए थे।
गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव सुमिता मिश्रा द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि नरेंद्र बिजारणियां को रोहतक एसपी के पद से मुक्त किया जाता है और उनकी जगह 2014 बैच के आईपीएस अधिकारी सुरेंद्र सिंह भोरिया को नया एसपी नियुक्त किया गया है।
भोरिया इससे पहले 5वीं बटालियन में कमांडेंट के पद पर कार्यरत थे। इस कार्रवाई को सरकार की ओर से मामले की गंभीरता को स्वीकार करने और जांच में पारदर्शिता लाने की दिशा में पहला कदम माना जा रहा है।
हालांकि, डीजीपी शत्रुजीत कपूर पर लगे आरोपों के संबंध में अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। सूत्रों का कहना है कि सरकार इस पूरे मामले पर SIT की जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।
इस बीच, विपक्ष ने इस केस को लेकर सरकार पर तीखे सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। विपक्षी नेताओं का कहना है कि एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी का इस तरह से खुदकुशी करना हरियाणा पुलिस सिस्टम की गहरी खामियों को उजागर करता है।














