
दिल्ली स्थित सर्वोच्च न्यायालय में हुए एक अभद्र व्यवहार के बाद अब आरोपी वकील राकेश किशोर पर कड़ी कार्रवाई की गई है। हाल ही में मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी. आर. गवई पर जूता फेंकने की कोशिश करने वाले किशोर की सुप्रीम कोर्ट में एंट्री पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दी गई है। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) ने उनकी अस्थायी सदस्यता रद्द करते हुए यह निर्णय लिया है कि अब वे अदालत परिसर में प्रवेश नहीं कर पाएंगे।
SCBA की ओर से जारी आधिकारिक प्रस्ताव में कहा गया है कि “एडवोकेट राकेश किशोर की अस्थायी सदस्यता क्रमांक K-01029/RES, जो 27 जुलाई 2011 को जारी की गई थी, तत्काल प्रभाव से समाप्त की जाती है। उनका नाम एसोसिएशन की सूची से हटा दिया गया है।” प्रस्ताव में यह भी स्पष्ट किया गया कि यदि उनके नाम पर कोई प्रवेश कार्ड या पहचान पत्र जारी हुआ है, तो उसे तत्काल रद्द कर जब्त किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल को इस निर्णय की जानकारी दे दी गई है, ताकि किशोर का एक्सेस कार्ड निष्क्रिय किया जा सके।
घटना के बाद, किशोर के खिलाफ बेंगलुरु पुलिस ने FIR दर्ज की है। अधिकारियों ने बताया कि अखिल भारतीय अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष भक्तवचला की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई। उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 132 — लोक सेवक को उसके कर्तव्य निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल का प्रयोग — और धारा 133 — अपमान या उकसावे के इरादे से हमला या आपराधिक बल का प्रयोग — के तहत मामला दर्ज हुआ है।
गौरतलब है कि इस घटना के बाद न्यायपालिका में भारी नाराजगी जताई गई थी। हालांकि, घटना के दिन दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट परिसर में ही राकेश किशोर से पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया था। मुख्य न्यायाधीश ने भी उसी समय उदारता दिखाते हुए किशोर को छोड़ने का निर्देश दिया था। लेकिन अब, सुप्रीम कोर्ट प्रशासन और बार एसोसिएशन ने मिलकर तय किया है कि भविष्य में ऐसी किसी भी घटना को सख्ती से रोका जाएगा, ताकि अदालत की गरिमा अक्षुण्ण बनी रहे।














