
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आज का मणिपुर दौरा राजनीतिक हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएं बटोर रहा है। 2023 में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच भड़की हिंसा के बाद यह उनका पहला दौरा है, जिसे लेकर कांग्रेस ने गहरी नाराजगी जाहिर की है। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस यात्रा को "देर से लिया गया फैसला" और "दिखावा" करार देते हुए तीखा हमला बोला है।
प्रियंका गांधी ने केरल के वायनाड में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि दो साल बाद मणिपुर का दौरा करने का फैसला लेना यह दिखाता है कि प्रधानमंत्री ने लोगों की पीड़ा को कितनी देर तक नजरअंदाज किया। उन्होंने कहा, “मुझे खुशी है कि उन्होंने दो साल बाद यह तय किया कि अब जाना उनके लिए फायदेमंद होगा, लेकिन उन्हें बहुत पहले ही वहां पहुंचना चाहिए था। उन्होंने इतने लंबे समय तक वहां जो कुछ हो रहा था, उसे चलने दिया, लोग मरते रहे, महिलाएं और बच्चे पीड़ित होते रहे, लेकिन उन्होंने चुप्पी साधे रखी।”
प्रियंका ने यह भी कहा कि भारतीय प्रधानमंत्रियों की परंपरा रही है कि वे जब भी देश के किसी हिस्से में दुख-दर्द होता देखते हैं, तुरंत वहां पहुंचते हैं — पार्टी चाहे कोई भी हो। लेकिन मोदी सरकार में यह परंपरा टूटती दिखाई दे रही है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी पीएम मोदी पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “मणिपुर में आपका तीन घंटे का पड़ाव करुणा नहीं, बल्कि तमाशा है। यह उन पीड़ितों का घोर अपमान है जिनकी चीखें राहत शिविरों में अब भी गूंज रही हैं।” उन्होंने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि 864 दिनों की हिंसा में करीब 300 लोगों की जान जा चुकी है, 67,000 से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं, लेकिन प्रधानमंत्री ने तब तक 46 विदेश यात्राएं कर डालीं, पर मणिपुर आकर पीड़ितों से एक बार भी बात करना जरूरी नहीं समझा।
खड़गे ने मोदी की 2022 की अंतिम मणिपुर यात्रा को याद दिलाते हुए कहा कि वह भी चुनाव प्रचार के लिए थी, न कि जनता की पीड़ा को समझने के लिए। उन्होंने कहा कि “डबल इंजन सरकार” ने मणिपुर के आम लोगों को राजनीतिक खेल का मोहरा बना दिया है। खड़गे ने पूछा, “आपका राजधर्म कहां है?”
उनका आरोप है कि राष्ट्रपति शासन लगाकर केंद्र सरकार ने अपनी जिम्मेदारियों से बचने की कोशिश की है और गृह मंत्री अमित शाह की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने यह भी कहा कि आज का भव्य स्वागत सिर्फ एक राजनीतिक स्टंट है, जबकि जमीनी हकीकत में लोग अब भी अपने घरों से बेघर हैं, न्याय की तलाश में हैं और सरकार की संवेदनहीनता से टूट चुके हैं।
प्रधानमंत्री मोदी के मणिपुर दौरे ने जिस तरह राजनीतिक प्रतिक्रिया को जन्म दिया है, उससे साफ है कि यह यात्रा न सिर्फ प्रतीकात्मक है बल्कि विपक्ष के लिए एक बड़ा सवाल भी बन गई है—क्या प्रधानमंत्री बहुत देर कर चुके हैं?
#WATCH | Wayanad, Kerala: On PM Modi's visit to Manipur, Congress MP Priyanka Gandhi Vadra says, "I am glad that he has decided after 2 years that it's worth his visiting. He should have visited much long before. It's very unfortunate that he has allowed what is happening there… pic.twitter.com/0h8i9WUe7E
— ANI (@ANI) September 13, 2025














