
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष एंटोनियो कोस्टा और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के साथ टेलीफोन पर महत्वपूर्ण वार्ता की। इस दौरान बातचीत का केंद्र रूस-यूक्रेन युद्ध के समाधान की कोशिशों के साथ-साथ वैश्विक स्थिरता और आपसी सहयोग जैसे अहम मुद्दे रहे।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत और यूरोपीय संघ दुनिया की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक शक्तियों में शामिल हैं और दोनों के बीच संबंध विश्वास, साझा मूल्यों और भविष्य की समान दृष्टि पर आधारित हैं। बातचीत में इस बात पर जोर दिया गया कि वैश्विक चुनौतियों के समाधान, नियम-आधारित व्यवस्था को मजबूत करने और परस्पर समृद्धि के लिए भारत-यूरोपीय संघ की रणनीतिक साझेदारी अहम है।
नेताओं ने व्यापार, प्रौद्योगिकी, निवेश, नवाचार, रक्षा, सुरक्षा और आपूर्ति शृंखला लचीलेपन जैसे क्षेत्रों में प्रगति का स्वागत किया। साथ ही भारत-ईयू मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) वार्ता के शीघ्र निष्कर्ष और इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकॉनमिक कॉरिडोर (IMEC) के कार्यान्वयन को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई।
यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने वार्ता के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत उत्साहजनक रही। उन्होंने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध का अंत करने और शांति बहाल करने में भारत की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। यह संघर्ष वैश्विक सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता को कमजोर कर रहा है और पूरी दुनिया के लिए खतरा है।
मोदी और यूरोपीय नेताओं ने इस बात पर भी सहमति जताई कि जल्द ही भारत में अगला भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों नेताओं को भारत आने का निमंत्रण दिया।
वार्ता में मोदी ने दोहराया कि भारत संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान और वैश्विक शांति की दिशा में लगातार प्रयासरत है। दोनों पक्षों ने भविष्य में निरंतर संपर्क बनाए रखने का भी संकल्प लिया।














