पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले से जुड़े एक अहम घटनाक्रम में भारत को बड़ी कूटनीतिक सफलता मिली है। भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के भाई नेहल मोदी को अमेरिका में गिरफ्तार कर लिया गया है। अमेरिकी न्याय विभाग ने यह गिरफ्तारी भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध के बाद की है। यह मामला न केवल आर्थिक अपराध से जुड़ा है, बल्कि भारत के अंतरराष्ट्रीय प्रभाव और जांच एजेंसियों की सक्रियता का भी उदाहरण है।
अमेरिका में हुई नेहल मोदी की गिरफ्तारी
अमेरिकी न्याय विभाग ने शनिवार को जानकारी दी कि बेल्जियम नागरिक नेहल मोदी को 4 जुलाई को गिरफ्तार किया गया है। उसे भारत की ओर से भेजे गए प्रत्यर्पण अनुरोध के तहत हिरासत में लिया गया। नेहल मोदी भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी का भाई है, जो पहले ही लंदन की जेल में बंद है और उसका प्रत्यर्पण प्रक्रिया में है।
किस आरोप में गिरफ्तार हुआ नेहल?
भारत की केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच में सामने आया है कि नेहल मोदी ने नीरव मोदी की ओर से अवैध धन की हेराफेरी में प्रमुख भूमिका निभाई थी। उस पर प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) की धारा 3 के तहत मनी लॉन्ड्रिंग, आपराधिक साजिश और सबूत मिटाने जैसे आरोप लगे हैं।
उस पर आरोप है कि उसने अवैध रूप से अर्जित धन को छिपाने और विदेशों में जटिल लेन-देन के जरिए उसे वैध दिखाने के लिए कई शेल कंपनियों का उपयोग किया।
पीएनबी घोटाले में नीरव मोदी की मुख्य भूमिका
PNB घोटाला भारत के अब तक के सबसे बड़े बैंकिंग घोटालों में से एक रहा है, जिसमें करीब ₹13,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई। नीरव मोदी, उसके मामा मेहुल चोकसी, नेहल मोदी और अन्य पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी LoU (लेटर ऑफ अंडरटेकिंग) के जरिए बैंकों से अवैध ऋण लिया और फिर विदेश भाग गए।
नीरव मोदी को 2019 में भारत की अदालत द्वारा 'भगोड़ा आर्थिक अपराधी' घोषित किया गया था और वह अभी ब्रिटेन की जेल में है। उसका प्रत्यर्पण प्रक्रिया में है, लेकिन लगातार अपीलों के कारण देरी हो रही है।
चोकसी भी आया गिरफ्त में
इस साल की शुरुआत में भारत के एक अन्य प्रत्यर्पण प्रयास के तहत बेल्जियम सरकार ने मेहुल चोकसी को एंटवर्प से गिरफ्तार किया था। चोकसी 2018 में भारत से फरार हो गया था और तब से एंटीगुआ और बारबुडा का नागरिक बनकर रह रहा था।
17 जुलाई को अगली सुनवाई, जमानत पर नजर
नेहल मोदी की गिरफ्तारी के बाद अब प्रत्यर्पण प्रक्रिया का अगला चरण शुरू हो गया है। 17 जुलाई को इस मामले में सुनवाई तय है जिसमें नेहल मोदी जमानत की अर्जी दे सकता है। हालांकि अमेरिकी अभियोजन पक्ष ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह उसकी जमानत याचिका का विरोध करेगा।
भारत के लिए कूटनीतिक और कानूनी विजय
नेहल मोदी की गिरफ्तारी भारत सरकार और प्रवर्तन एजेंसियों के लिए एक बड़ी कूटनीतिक जीत मानी जा रही है। यह मामला दिखाता है कि भारत अब वैश्विक मंच पर आर्थिक अपराधियों को पकड़ने और उन्हें न्याय के कटघरे में लाने के लिए पहले से कहीं अधिक सक्रिय और प्रभावशाली भूमिका निभा रहा है।
नेहल मोदी की गिरफ्तारी पीएनबी घोटाले की जांच में एक निर्णायक मोड़ हो सकती है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि अमेरिका में प्रत्यर्पण प्रक्रिया कितनी तेज़ी से आगे बढ़ती है और भारत कितनी शीघ्रता से नेहल को भारतीय कानून के तहत सजा दिलाने में सफल होता है। इस गिरफ्तारी ने स्पष्ट संकेत दे दिया है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भगोड़ों को अब सुरक्षित शरण मिलना आसान नहीं रहा।