
वायुसेना की शान और दशकों तक आसमान में भारत की ताकत का प्रतीक रहे MiG-21 को आख़िरकार औपचारिक रूप से विदाई दे दी गई। चंडीगढ़ एयरफोर्स स्टेशन पर आयोजित एक भव्य समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस रूसी मूल के सुपरसोनिक लड़ाकू विमान को सिर्फ एक हथियार नहीं, बल्कि भारत और रूस के गहरे रिश्तों का प्रतीक बताया। उन्होंने इसे "एक ताकतवर मशीन, राष्ट्रीय गौरव और रक्षात्मक ढाल" करार दिया, जिसने भारत के आत्मविश्वास को आकार दिया और पीढ़ियों के वायुवीरों को प्रेरित किया।
राजनाथ सिंह ने कहा, "MiG-21 से हमारा भावनात्मक जुड़ाव है। यह एक ऐसा विमान है जिसने न केवल एक युद्ध, बल्कि अनेक ऐतिहासिक क्षणों में भारत की प्रतिष्ठा को बढ़ाया है।"
उन्होंने 1971 की जंग, करगिल संघर्ष, बालाकोट एयरस्ट्राइक और ऑपरेशन सिंदूर जैसी महत्वपूर्ण सैन्य कार्रवाइयों में MiG-21 की भूमिका को याद करते हुए कहा कि हर बार जब भारत ने कोई ऐतिहासिक मिशन अंजाम दिया, MiG-21 ने तिरंगे का गौरव बढ़ाया। इस वजह से ये विदाई सिर्फ एक विमान की नहीं, बल्कि स्मृतियों, राष्ट्रीय स्वाभिमान और त्याग की कहानी की भी है।
इस समारोह में नंबर 23 स्क्वॉड्रन “पैंथर्स” के आखिरी MiG-21 जेट को औपचारिक विदाई दी गई। एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह ने "बादल 3" कॉल साइन के साथ स्क्वॉड्रन की अंतिम उड़ान भरी।
समारोह की भव्यता और गौरव को बढ़ाने के लिए वायुसेना के आकाश गंगा स्काईडाइविंग टीम ने 8,000 फीट की ऊंचाई से छलांग लगाई, उसके बाद “बादल” और “पैंथर” फॉर्मेशन में फ्लाईपास्ट हुआ। सूर्यकिरण एरोबैटिक टीम ने आसमान में अद्भुत करतब दिखाकर दर्शकों को रोमांचित कर दिया।
इस मौके पर वायुसेना के पूर्व प्रमुख एस पी त्यागी, बी एस धनोआ और ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
MiG-21 भारत की वायुसेना में शामिल होने वाला पहला सुपरसोनिक फाइटर जेट था, जिसे 1960 के दशक की शुरुआत में शामिल किया गया था। लगभग 870 जेट्स का अधिग्रहण किया गया था, जो कई दशकों तक वायुसेना की रीढ़ बने रहे।
हालांकि इन विमानों की सुरक्षा को लेकर समय-समय पर सवाल उठते रहे हैं, क्योंकि कई दुर्घटनाएं भी इनसे जुड़ी रही हैं। इसके बावजूद, MiG-21 भारतीय वायुसेना का सबसे भरोसेमंद और बहादुरी से भरा चैप्टर रहा है।
IAF ने X (पूर्व ट्विटर) पर एक भावुक पोस्ट में लिखा, "छह दशकों की सेवा, बहादुरी की अनगिनत कहानियां, एक युद्धघोड़ा जिसने देश की शान को आसमान में उड़ाया।"














