
मणिपुर के हालात को सामान्य बनाने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे से पहले स्थिति को स्थिर करने के लिए बड़ी पहल की गई है। केंद्र सरकार की मध्यस्थता में गृह मंत्रालय, मणिपुर सरकार, कुकी राष्ट्रीय संगठन (KNO) और यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट (UPF) के प्रतिनिधियों के बीच नई दिल्ली में एक त्रिपक्षीय बैठक हुई। इस बैठक में कुकी-जो परिषद ने राष्ट्रीय राजमार्ग-2 (NH-2) को यात्रियों और आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध आवाजाही के लिए खोलने पर सहमति दी।
गृह मंत्रालय के अनुसार, NH-2 मई 2023 में राज्य में भड़के जातीय तनाव के कारण अवरुद्ध हो गया था। मेइती और कुकी-जो समुदायों के बीच हिंसा ने हजारों लोगों का विस्थापन और व्यापक मानवीय संकट उत्पन्न किया था। राजमार्ग को फिर से खोलना विस्थापित परिवारों और राहत शिविरों में रहने वाले लोगों के लिए आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के साथ-साथ राज्य में विश्वास बहाली और स्थिरता लाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
बैठक के समापन पर त्रिपक्षीय परिचालन निलंबन (SOO) समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। इसमें संशोधित आधारभूत नियमों को हस्ताक्षर की तिथि से एक वर्ष के लिए लागू किया गया है। इन नियमों में मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता और स्थायी शांति के लिए बातचीत के माध्यम से समाधान की आवश्यकता पर बल दिया गया है।
इसके अलावा, KNO और UPF ने सहमति जताई कि संघर्ष की आशंका वाले क्षेत्रों से सात निर्दिष्ट शिविरों में लोगों का स्थानांतरण किया जाएगा, शिविरों की संख्या कम की जाएगी, हथियार निकटतम CRPF और BSF शिविरों में सुरक्षित किए जाएंगे और सुरक्षा बलों द्वारा कैडरों का कठोर सत्यापन किया जाएगा, ताकि विदेशी नागरिकों को सूची से हटाया जा सके। यह समझौता मणिपुर में स्थायी शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।














