
दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रसंघ (DUSU) चुनाव 2025 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने शानदार जीत दर्ज की। परिषद ने अध्यक्ष समेत कुल तीन प्रमुख पद अपने नाम कर लिए, जबकि कांग्रेस समर्थित राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) केवल उपाध्यक्ष पद पर जीत दर्ज कर पाया। इस नतीजे के बाद छात्र राजनीति में एक बार फिर एबीवीपी का पलड़ा भारी दिखा।
ABVP की दमदार कामयाबी
शुक्रवार (19 सितंबर) को आए नतीजों में एबीवीपी ने शुरुआती राउंड से ही बढ़त बनाए रखी। संगठन के प्रत्याशी आर्यन मान ने अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की, जबकि कुणाल चौधरी ने सचिव और दीपिका झा ने संयुक्त सचिव पद पर विजय दर्ज की। उपाध्यक्ष पद पर गोविंद तंवर को हालांकि हार का सामना करना पड़ा। तीन पदों पर जीत ने एबीवीपी को छात्रसंघ पर मजबूत पकड़ दिला दी है।
NSUI को एकमात्र जीत
एनएसयूआई इस बार उम्मीदों के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाई। संगठन के उम्मीदवार राहुल झांसल ने उपाध्यक्ष पद पर जीत दर्ज की, लेकिन बाकी सभी सीटों पर हार मिली। अध्यक्ष पद पर जोसलिन नंदिता चौधरी, सचिव पद पर कबीर और संयुक्त सचिव पद पर लवकुश भड़ाना को एबीवीपी के मुकाबले शिकस्त झेलनी पड़ी।
मतदान और वोटिंग प्रतिशत
दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव के लिए गुरुवार को वोटिंग संपन्न हुई थी। इस बार कुल 39.45 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया, जो पिछले कुछ वर्षों की तुलना में अपेक्षाकृत कम रहा। बावजूद इसके, कैंपस में चुनावी माहौल काफी गर्मजोशी और उत्साह से भरा रहा।
2024 के नतीजों से अंतर
अगर पिछले साल के चुनाव पर नजर डालें तो तस्वीर बिल्कुल अलग थी। 2024 में एनएसयूआई ने अध्यक्ष और संयुक्त सचिव पद पर जीत हासिल की थी। उस समय रौनक खत्री अध्यक्ष बने थे और लोकेश चौधरी ने संयुक्त सचिव पद जीता था। वहीं एबीवीपी के भानु प्रताप उपाध्यक्ष बने थे और मित्रविंदा करणवाल ने सचिव पद पर जीत दर्ज की थी। लेकिन इस बार समीकरण बदल गए और एबीवीपी ने तीन पद जीतकर NSUI को बड़ा झटका दिया।














