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दिल्ली-एनसीआर में इन पटाखों के इस्तेमाल पर जेल की सजा, जानें दिवाली 2025 के नियम

दिल्ली-एनसीआर में दिवाली 2025 पर पटाखों के इस्तेमाल और बिक्री पर सख्त नियम लागू। जानें कौन से पटाखे प्रतिबंधित हैं और उल्लंघन करने पर कितनी जेल या जुर्माना हो सकता है। पर्यावरण और स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए नियमों का पालन करें।

Posts by : Kratika Maheshwari | Updated on: Thu, 16 Oct 2025 10:14:21

दिल्ली-एनसीआर में इन पटाखों के इस्तेमाल पर जेल की सजा, जानें दिवाली 2025 के नियम

दिवाली का त्योहार अब बस कुछ ही दिनों दूर है। लोग घरों की सजावट, लाइटिंग और पटाखों की खरीददारी में व्यस्त हैं। त्योहार की खुशियों में लोग अक्सर जोरदार पटाखे जलाते हैं, लेकिन अगर आप दिल्ली-एनसीआर में रहते हैं, तो इस बार पटाखों के मामले में सावधानी बरतना बेहद जरूरी है। दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए कुछ खास प्रकार के पटाखों पर पूरी तरह रोक लगा दी है।

इसका मतलब है कि यदि कोई व्यक्ति इन प्रतिबंधित पटाखों का इस्तेमाल या बिक्री करता है, तो उसे भारी जुर्माना या जेल की सजा झेलनी पड़ सकती है। दिल्ली पुलिस और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पहले से ही निगरानी और छापेमारी के लिए विशेष टीमें तैयार कर रखी हैं। इसलिए त्योहार की खुशी में नियमों की अनदेखी करना महंगा पड़ सकता है।

प्रतिबंधित पटाखों की सूची

दिल्ली सरकार ने ग्रीन पटाखों को छोड़कर अधिकांश पारंपरिक पटाखों पर रोक लगाई है। इसमें वे पटाखे शामिल हैं जो ज्यादा धुआं, तेज आवाज या प्रदूषण फैलाते हैं। जैसे:

रॉकेट

चकरी

बम

लड़ी

फुलझड़ी

इसके अलावा, इन पटाखों की बिक्री, स्टॉकिंग और परिवहन पर भी पूरी तरह से रोक है।

यदि कोई दुकानदार या आम व्यक्ति प्रतिबंधित पटाखों को बेचते, रखते या ट्रांसपोर्ट करते हुए पकड़ा जाता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। नियमों के उल्लंघन को रोकने के लिए पुलिस और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने छापेमारी टीमों की तैनाती भी की है।

उल्लंघन करने पर सजा


प्रतिबंधित पटाखे जलाने पर एनजीटी और दिल्ली पुलिस के नियमों के अनुसार सजा हो सकती है। इसमें शामिल हैं:

- छह महीने तक की जेल या 200 रुपये तक का जुर्माना, या दोनों।

- यदि कोई इन पटाखों की बिक्री या सप्लाई करता है, तो मामला और गंभीर हो जाता है। ऐसे में:

- एक साल तक की जेल या 5,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

सरकार का कहना है कि त्योहार मनाना हर किसी का हक है, लेकिन पर्यावरण और लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा सर्वोपरि है। इसलिए, नियमों का पालन करते हुए ही दिवाली मनाना समझदारी होगी और यह सबके लिए सुरक्षित रहेगा।