
दिल्ली और मुंबई एयरपोर्ट पर हवाई टिकट की कीमतों में संभावित वृद्धि ने यात्रियों की चिंता बढ़ा दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, यूजर डेवलपमेंट फीस (UDF) में 22 गुना तक बढ़ोतरी प्रस्तावित है। यह स्थिति TDSAT के आदेश के बाद उत्पन्न हुई है, जिसके कारण इन एयरपोर्ट पर 50,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया जमा हो गया है। हालांकि, इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है, लेकिन अगर नई फीस लागू होती है तो फ्लाइट टिकट की कीमतें काफी महंगी हो सकती हैं।
यूजर डेवलपमेंट फीस में संभावित इजाफा
नई फीस लागू होने पर मुंबई से उड़ान भरने वाले इंटरनेशनल यात्रियों के लिए यूजर डेवलपमेंट फीस मौजूदा 615 रुपये से बढ़कर 13,495 रुपये तक जा सकती है। दिल्ली एयरपोर्ट पर घरेलू यात्रियों के लिए यह 129 रुपये से बढ़कर 1,261 रुपये और इंटरनेशनल यात्रियों के लिए 650 रुपये से बढ़कर 6,356 रुपये हो सकती है। वहीं, मुंबई एयरपोर्ट पर घरेलू यात्रियों के लिए यह शुल्क 175 रुपये से बढ़कर 3,856 रुपये तक पहुंच सकता है।
यूजर फीस बढ़ाने का कारण
रिपोर्ट में बताया गया है कि TDSAT के आदेश ने FY09 से FY14 तक के पांच साल के टैरिफ कैलकुलेशन के तरीके को फिर से तय किया है। इसका नतीजा यह हुआ कि दिल्ली और मुंबई एयरपोर्ट पर उस अवधि का अंडर रिकवरी 50,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गया। इस बकाया राशि को पैसेंजर फीस, लैंडिंग कॉस्ट और पार्किंग फीस के जरिए वसूल किया जाएगा। इसका असर सीधे फ्लाइट टिकट की कीमतों पर पड़ेगा, जिससे यात्रियों को अधिक भुगतान करना पड़ सकता है।
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला
TDSAT के आदेश को एयरपोर्ट्स इकोनॉमिक रेगुलेटरी अथॉरिटी (AERA), घरेलू एयरलाइंस और विदेशी एयरलाइंस जैसे लुफ्थांसा, एयर फ्रांस और गल्फ एयर ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इस मामले की सुनवाई जस्टिस अरविंद कुमार और निलय विपिनचंद्र अंजारिया की बेंच करेगी।
यात्रियों पर पड़ेगा असर
अंतिम फैसला सुप्रीम कोर्ट का होगा। लेकिन अगर प्रस्तावित यूजर डेवलपमेंट फीस लागू होती है, तो दिल्ली और मुंबई एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाले यात्रियों को टिकट की कीमतों में भारी बढ़ोतरी का सामना करना पड़ सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम एयरपोर्ट की वित्तीय रिकवरी के लिए जरूरी है, लेकिन यात्रियों के बजट पर इसका सीधा असर पड़ेगा।














