
दिल्ली ब्लास्ट मामले की जांच में एजेंसियों को डॉक्टर शाहीन के बैंक खातों की तह तक जांच करने पर कई चौंकाने वाले तथ्य मिले हैं। सूत्रों के अनुसार, शाहीन के सात बैंक खातों में पिछले सात वर्षों में लगभग 1.55 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ है। जांच में यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि यह राशि किस माध्यम से आई और कहां-कहां भेजी गई।
शाहीन के खाते अलग-अलग बैंकों में हैं, जिनमें कुछ प्राइवेट और कुछ सरकारी बैंक के हैं। जांच में सामने आया है कि इन सात खातों में तीन कानपुर, दो लखनऊ और दो दिल्ली में हैं। विशेष ध्यान यह भी दिया जा रहा है कि 2014 से 2017 के बीच लगातार बड़े लेन-देन दर्ज हुए।
सूत्रों के मुताबिक, 2014 में 9 लाख, 2015 में 6 लाख, 2016 में 11 लाख और 2017 में 19 लाख रुपये का ट्रांजैक्शन हुआ। यह रकम कहां से आई और किसे भेजी गई, इस पर जांच एजेंसियां विशेष रूप से फोकस कर रही हैं।
ATS और NIA का संयुक्त अभियान
इसी बीच, लखनऊ में ATS की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है। सूत्र बताते हैं कि NIA और IB के इनपुट के आधार पर राजधानी समेत कई इलाकों में आधा दर्जन से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की गई। इस कार्रवाई का लक्ष्य ऐसे लोग हैं, जो डॉक्टर शाहीन और डॉक्टर परवेज के संपर्क में रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक, ATS ने 13 संदिग्धों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। इन पर संदेह है कि वे दोनों आरोपियों के साथ लगातार संपर्क में रहे और संदिग्ध गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं।
दिल्ली ब्लास्ट केस की जांच को तेज करते हुए अब NIA, जम्मू-कश्मीर पुलिस और दिल्ली पुलिस मिलकर संयुक्त कार्रवाई कर रही हैं। डिजिटल डिवाइस, मोबाइल चैट और वित्तीय लेन-देन की जानकारी को खंगाला जा रहा है।
जांच का दायरा बढ़ा, नेटवर्क पर निगरानी
जांच अधिकारियों का मानना है कि यह नेटवर्क कई राज्यों में फैल सकता है। इसी वजह से कार्रवाई का दायरा लगातार बढ़ाया जा रहा है। शाहीन और परवेज से जुड़े लोगों की सूची लंबी होती जा रही है।
सूत्रों के अनुसार, एजेंसियां बैंक स्टेटमेंट, पासबुक, मोबाइल पेमेंट, ऑनलाइन वॉलेट और संदिग्ध लेन-देन की हर जानकारी खंगाल रही हैं। कई ऐसे ट्रांजैक्शन मिले हैं, जिन्हें प्रारंभिक तौर पर संदिग्ध माना गया।
ATS की टीमें शहर के विभिन्न इलाकों में लगातार दबिश दे रही हैं। पड़ोसियों और स्थानीय लोगों से पूछताछ की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि शाहीन और परवेज किन लोगों से मिलते थे और किस तरह की गतिविधियों में शामिल थे।














