
दिल्ली के वसंत कुंज स्थित एक आश्रम के संचालक स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती पर लड़कियों से यौन उत्पीड़न और छेड़छाड़ के गंभीर आरोप हैं। जांच में सामने आया कि 35 से ज्यादा छात्राओं और महिलाओं ने बाबा पर यौन शोषण के आरोप लगाए हैं। पुलिस ने आरोपों को गंभीरता से लेते हुए चैतन्यानंद को गिरफ्तार किया। कोर्ट में पेशी के बाद उसे वसंत कुंज नॉर्थ पुलिस स्टेशन लाया गया, जहां उससे पूछताछ की गई। सूत्रों के अनुसार चैतन्यानंद ने पुलिस से पूछताछ में बिल्कुल सहयोग नहीं किया। पूछताछ लगभग दो घंटे तक चली, जिसमें दिल्ली पुलिस के DCP, ACP और इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी मौजूद थे। हर बार चैतन्यानंद आरोपों को निराधार बताते हुए यही जवाब देता रहा कि उस पर लगाए गए आरोप झूठे हैं।
थाने में रखी विशेष डिमांड
पुलिस स्टेशन में आने के बाद चैतन्यानंद ने फल और अन्न की डिमांड की। अधिकारियों ने उसे फल और पानी दिया। लॉकअप में उसके लिए एक चादर और कंबल भी रखा गया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, 24 घंटे उसकी निगरानी के लिए दो पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे और CCTV के जरिए लगातार नजर रखी जाएगी। जांच में सामने आया कि चैतन्यानंद फरार रहते हुए भी अपने इंस्टीट्यूट की गतिविधियों पर नजर बनाए रखता था। वह सस्ते और कम सुरक्षा वाले होटल में रहता था, जहां CCTV कैमरे नहीं होते थे। होटल बुकिंग उसके चेले करवाते थे। पुलिस ने पता लगाया कि पिछले 40 दिनों में चैतन्यानंद ने कुल 13 होटल बदले और अधिकांश समय साधुओं के बीच छिपा रहा। पूछताछ के दौरान वह बार-बार घबराहट जाहिर करता रहा।
फोन पासवर्ड का बहाना
पुलिस ने जब उसके फोन की जांच की बात कही, तो चैतन्यानंद बार-बार पासवर्ड भूल जाने का बहाना देता रहा। इसके बाद पुलिस ने उसके 3 मोबाइल फोन और 1 iPad फॉरेंसिक जांच के लिए लैब भेज दिए हैं। इस मामले में पुलिस अब चैतन्यानंद के मददगारों और उसके नेटवर्क की जानकारी जुटा रही है, ताकि पूरी घटना का खुलासा किया जा सके।














