
राजधानी दिल्ली एक बार फिर घने प्रदूषण के शिकंजे में फंस गई है। पिछले दो महीनों से वायु गुणवत्ता में सुधार के संकेत नहीं दिख रहे, जबकि सरकार ने GRAP-3 और GRAP-4 जैसे सख्त प्रावधान लागू किए हुए हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, रविवार को दिल्ली का औसत AQI 325 दर्ज किया गया, जो सामान्य स्तर से काफी ऊपर है और इसे ‘हैजर्डस’ कैटेगरी में रखा गया है। PM2.5 और PM10 के खतरनाक स्तर प्रदूषण की इस जकड़न का मुख्य कारण बने हुए हैं।
प्रदूषण की इस बिगड़ती स्थिति को देखते हुए नागरिकों को अनावश्यक रूप से बाहर निकलने से बचने की सलाह दी गई है। विशेषज्ञों ने विशेष रूप से एन-95 मास्क का इस्तेमाल करने की अपील की है। मौसम विभाग का अनुमान है कि हवा में सुधार की कोई स्पष्ट संभावना दिसंबर के मध्य तक नहीं दिख रही। हालांकि आज राजधानी का आसमान साफ़ रहने की उम्मीद है। न्यूनतम तापमान 11 डिग्री और अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का पूर्वानुमान है।
AQI की गंभीरता: किस श्रेणी में कितना खतरा?
AQI की श्रेणियां वायु की गुणवत्ता और उसके स्वास्थ्य पर प्रभाव को दर्शाती हैं। 300 से अधिक का स्तर ‘सीवियर’ यानी अत्यंत खतरनाक माना जाता है, जबकि 200 से 300 तक हवा ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आती है। 100 से 200 के बीच का AQI ‘मध्यम से खराब’ माना जाता है और इस दौरान संवेदनशील लोगों को अतिरिक्त सावधानी की सलाह दी जाती है।
51 से 100 तक की वायु गुणवत्ता ‘संतोषजनक’ मानी जाती है और 0 से 50 को आदर्श स्तर कहा जाता है, जहां स्वास्थ्य पर कोई बड़ा खतरा नहीं होता। वहीं, AQI अगर 400 से ऊपर चला जाए तो स्थिति बेहद गंभीर हो जाती है और सामान्य लोगों को भी घर से बाहर न निकलने की सलाह दी जाती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि अभी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों के लिए अत्यंत हानिकारक है। लंबे समय तक धुंध और जहरीली हवा के संपर्क में रहने से फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ सकता है।
कब मिलेगी राहत? फिलहाल कोई संकेत नहीं
CPCB और भारतीय मौसम विभाग (IMD) दोनों का मानना है कि फिलहाल हवा की गुणवत्ता में सुधार की संभावना बेहद कम है। PM2.5 और PM10 जैसे महीन प्रदूषक कण लगातार हवा में बढ़ते जा रहे हैं। अभी दिल्ली में हवा की गति 10 किमी प्रतिघंटा से भी कम है, जिससे प्रदूषण जमकर बैठ रहा है। मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि दिसंबर के मध्य के बाद हवा की रफ्तार बढ़ेगी, तब जाकर हालात में कुछ सुधार देखने को मिल सकता है।
अगले कई दिनों तक AQI के 300 के आसपास बने रहने और लोगों को प्रदूषण से जूझने की स्थिति बरकरार रहने की संभावना जताई गई है।














