
बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के उस दावे पर तीखा पलटवार किया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनका नाम मतदाता सूची से हटा दिया गया है। सम्राट चौधरी ने तेजस्वी पर तंज कसते हुए कहा कि अगर वे खुद ही वोटर लिस्ट में अपना नाम नहीं खोज सकते, तो उनकी समझदारी पर सवाल उठना लाज़मी है — न केवल मेरी ओर से, बल्कि उनके अपने परिवार और समूचे बिहार की जनता की ओर से भी।
"विपक्ष भ्रम फैला रहा है"
डिप्टी मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि राज्य में व्यापक स्तर पर विशेष गहन पुनरीक्षण के तहत मतदाता सूची तैयार की गई है और उसमें पारदर्शिता का पूरा ध्यान रखा गया है। इस सूची के मसौदे में तेजस्वी यादव का नाम न केवल शामिल है, बल्कि उसका उल्लेख फोटो और ईपिक नंबर सहित मतदान केंद्र संख्या 204 — बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के पुस्तकालय भवन — में क्रम संख्या 416 पर मौजूद है।
चौधरी ने आरोप लगाया कि तेजस्वी यादव का यह दावा निराधार है और केवल लोगों को भ्रमित करने की कोशिश है। “यह बयान एक संवैधानिक संस्था — चुनाव आयोग — की साख को नुकसान पहुंचाने की मंशा से दिया गया है,” उन्होंने कहा।
“चुनाव आयोग पर सवाल उठाना लोकतंत्र का अपमान”
सम्राट चौधरी ने आगे कहा कि सरकार को निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता और कार्यप्रणाली पर पूर्ण विश्वास है। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से आग्रह किया कि वे राजनीति में तथ्य आधारित संवाद को बढ़ावा दें और जनता को सच्ची जानकारी दें। “लोकतंत्र की मजबूती झूठ फैलाने से नहीं, ईमानदार संवाद से होती है,” चौधरी ने कहा।
तेजस्वी का आरोप: “अगर मेरा नाम हट सकता है, तो गरीबों का क्यों नहीं?”
दरअसल, कुछ दिन पहले तेजस्वी यादव ने पत्रकारों के सामने चुनाव आयोग की वेबसाइट और ऐप पर अपना ईपिक नंबर डालकर दिखाया था, जिसमें “रिकॉर्ड नॉट फाउंड” दिखाई दिया। इसी आधार पर उन्होंने यह दावा किया कि उनका नाम मतदाता सूची से काट दिया गया है।
तेजस्वी ने चुनाव आयोग पर सीधा हमला करते हुए कहा था कि आयोग अब “गोदी आयोग” बन चुका है और आम लोगों का भरोसा उठता जा रहा है। उन्होंने यह भी आशंका जताई कि यदि एक पूर्व उपमुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष का नाम हट सकता है, तो राज्य के गरीब और हाशिए पर खड़े लाखों लोगों के नाम भी आसानी से हटाए जा सकते हैं।
प्रशासन का स्पष्टीकरण: नाम सूची में है, भ्रम फैलाने की कोशिश
तेजस्वी के दावे के बाद जिला प्रशासन ने तुरंत स्थिति स्पष्ट की और सबूतों के साथ जानकारी दी कि तेजस्वी यादव का नाम प्रारूप मतदाता सूची में दर्ज है। प्रशासन ने बताया कि उनका नाम मतदान केंद्र संख्या 204 के तहत क्रम संख्या 416 पर फोटो, नाम और ईपिक नंबर सहित सही तरीके से जोड़ा गया है। प्रशासनिक अधिकारियों ने यह भी कहा कि किसी भी तरह की गलती की गुंजाइश नहीं है, क्योंकि पुनरीक्षण प्रक्रिया बेहद पारदर्शी और सघन थी। वेब पोर्टल या ऐप पर तकनीकी गड़बड़ी को देखते हुए जल्द सुधार की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।














