
बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और आरजेडी प्रमुख तेजस्वी यादव ने हाल ही में मीडिया से बात करते हुए जीतन राम मांझी की एनडीए से नाराजगी पर अपना दृष्टिकोण साझा किया। तेजस्वी यादव ने स्पष्ट रूप से कहा कि किसी की नाराजगी का उन पर कोई असर नहीं पड़ता। उनका मानना है कि बिहार की जनता इस वर्तमान सरकार से बेहद असंतुष्ट और नाराज है।
तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि इस बार बिहार की जनता बदलाव की उम्मीद रखती है। जनता नया नेतृत्व और नया बिहार चाहती है। सभी लोग इस मौजूदा सरकार से नाराज हैं और मिलकर इसे बदलने की दिशा में काम करेंगे।
क्या मांझी वास्तव में नाराज हैं?
एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर जीतन राम मांझी के हालिया पोस्ट ने सियासी हलचल पैदा कर दी है। उन्होंने अपने पोस्ट में कहा: "हो न्याय अगर तो आधा दो, यदि उसमें भी कोई बाधा हो, तो दे दो केवल 15 ग्राम, रखो अपनी धरती तमाम, हम वही ख़ुशी से खाएंगे, परिजन पे असी ना उठाएंगे।" मांझी ने केंद्रीय मंत्री के रूप में रामधारी सिंह दिनकर की कविता 'कृष्ण की चेतावनी' का हवाला देते हुए सियासी संदेश देने की कोशिश की।
#WATCH | Patna, Bihar: RJD leader Tejashwi Yadav says, "...The people of Bihar are miffed with the NDA government of Bihar. The public wants change and new Bihar..." pic.twitter.com/zlZIxLqY9n
— ANI (@ANI) October 8, 2025
‘हम चुनाव नहीं लड़ेंगे’
सीट शेयरिंग पर अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए मांझी ने कहा कि अगर उन्हें 15 सीटें नहीं मिलती हैं तो उनकी पार्टी सिर्फ पंजीकृत दल बनी रहेगी, और इस स्थिति में चुनाव लड़ने का कोई फायदा नहीं होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि वे नरेंद्र मोदी के समर्थक और उनके अनुयायी हैं, और मोदी का इशारा मिलने पर वे पूरी तरह काम करने के लिए तैयार हैं।
मांझी ने यह भी जोड़ा कि वर्तमान सीट शेयरिंग मामले में एनडीए के नेताओं से वे प्रार्थना कर रहे हैं। उन्होंने याद दिलाया कि उनकी पार्टी 2015 में बनी थी और फिलहाल विधानसभा में चार सदस्य हैं, विधान परिषद में एक सदस्य और बिहार में मंत्री हैं। उन्होंने कहा कि जब मतदाता सूची का वितरण किया जा रहा था, तो उनके लोगों को सूची नहीं मिली क्योंकि उनकी पार्टी अभी मान्यता प्राप्त दल नहीं है। मांझी ने इसे साफ तौर पर अपमानजनक बताया।














