
बिहार की राजनीति में भ्रष्टाचार का मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने रविवार को पटना स्थित अपने सरकारी आवास पर पत्रकारों से बातचीत में नीतीश कुमार सरकार और उसके मंत्रियों पर करप्शन का बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राज्य का शायद ही कोई ऐसा विभाग बचा है जहां घोटाले न हुए हों। मुख्यमंत्री को इस पर सामने आकर जवाब देना चाहिए। तेजस्वी ने साफ कहा कि जन सुराज के नेता प्रशांत किशोर पहले ही सत्ता के कई बड़े नेताओं और अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगा चुके हैं। अशोक चौधरी, मंगल पांडे, सम्राट चौधरी, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल और कई सांसदों के नाम खुलकर लिए जा चुके हैं।
तेजस्वी का सीधा वार– अधिकारियों की मिलीभगत
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जदयू-भाजपा गठबंधन से ज़्यादा इस समय बिहार के भ्रष्ट अधिकारी परेशान हैं। खासतौर पर वे अधिकारी जो डीके गिरोह के संरक्षण में काम करते हैं। पिछली बार इन्हीं लोगों ने विपक्ष को सत्ता में आने से रोक दिया था, लेकिन इस बार जनता जागरूक है। अगर महागठबंधन सत्ता में आता है तो इन अफसरों पर कार्रवाई तय है। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि इंजीनियरों और अफसरों के घर करोड़ों की संपत्ति बरामद हो रही है, लेकिन सरकार कोई सख्त कदम नहीं उठा रही। मंत्री और अधिकारी अपने बच्चों और रिश्तेदारों के नाम पर देश-विदेश में निवेश कर रहे हैं। “मेरे पास सबकी लिस्ट है और आने वाले समय में मैं एक-एक कर सबका खुलासा करूंगा।”
केंद्र की जांच एजेंसियों पर सवाल
तेजस्वी यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद बिहार में हुए 31 घोटालों का ज़िक्र किया था। “फिर ईडी और सीबीआई चुप क्यों हैं? कार्रवाई क्यों नहीं हो रही? उल्टा जब विपक्ष आवाज उठाता है तो उसी को निशाना बनाया जाता है।”
पीके का करप्शन चार्जशीट
इससे पहले प्रशांत किशोर ने नीतीश सरकार के कई मंत्रियों और बीजेपी नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए थे।
अशोक चौधरी पर आरोप: पीके का कहना था कि उन्होंने अपनी बेटी की सगाई से लेकर शादी तक के बीच 200 करोड़ से ज्यादा की ज़मीन खरीदी। इस पर चौधरी ने पीके को 100 करोड़ की मानहानि का नोटिस भेजा।
मंगल पांडे पर आरोप: पीके ने कहा कि उन्होंने दिलीप जायसवाल से पैसा लेकर मेडिकल कॉलेज को मान्यता दिलाई और दिल्ली में पत्नी के नाम फ्लैट खरीदा। उन्होंने सवाल उठाया कि उनकी पत्नी के बैंक खाते में अचानक 2.13 करोड़ रुपये कहां से आए।
दिलीप जायसवाल पर आरोप: पीके के मुताबिक उन्होंने अल्पसंख्यक मेडिकल कॉलेज पर कब्जा किया और राजेश साह हत्याकांड को दबा दिया। साथ ही, कॉलेज में रिश्तेदारों को एडमिशन दिलाकर डॉक्टर बनाया।
सम्राट चौधरी पर आरोप: उन पर फर्जी तरीके से डिग्री लेने का आरोप है। पीके ने कहा कि वे सातवीं पास हैं, लेकिन कामराज यूनिवर्सिटी (जो अस्तित्व में ही नहीं है) से ग्रेजुएट होने का दावा करते हैं और अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया से डीलिट की उपाधि भी ले चुके हैं।
संजय जायसवाल पर आरोप: उन पर पेट्रोल पंप के लिए फोर लेन रोड का अलाइनमेंट बदलवाने और नगर निगम से फर्जी बिल बनाकर करोड़ों का भुगतान करवाने का इल्जाम है।
बिहार की राजनीति में बढ़ी हलचल
तेजस्वी और प्रशांत किशोर के आरोपों से बिहार की राजनीति गरमा गई है। जहां विपक्ष सरकार पर सवाल उठा रहा है, वहीं सत्ता पक्ष इसे सिरे से नकार रहा है। लेकिन लगातार सामने आ रहे नए-नए आरोपों ने जनता के बीच बहस छेड़ दी है। अब सबकी निगाहें इस पर हैं कि तेजस्वी अपनी “भ्रष्टाचारियों की लिस्ट” कब और कैसे उजागर करेंगे।














