
बिहार चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) और भारत की चुनावी व्यवस्था पर तीखा हमला बोला है। 7 अगस्त को बुलाई गई एक अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने वोटिंग प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता को लेकर कई कड़े सवाल खड़े किए।
उन्होंने सीधे तौर पर BJP पर आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष चुनावों को प्रभावित कर रहा है और लोकतंत्र को गुमराह कर रहा है। राहुल गांधी ने आश्चर्य जताया कि अब चुनाव एक ही दिन में क्यों नहीं होते, जबकि पहले यह संभव था।
“पहले एक दिन में पूरा देश वोट देता था, अब महीनों क्यों?”
राहुल गांधी ने कहा, “जब देश में बैलट पेपर से चुनाव होते थे और ईवीएम नहीं थी, तब भी एक दिन में पूरे देश में चुनाव संपन्न हो जाते थे। लेकिन अब जब तकनीक हमारे पास है, तो चुनाव कई चरणों में खिंचते हैं। ये अलग-अलग चरणों में मतदान क्यों करवाया जा रहा है? इसका जवाब चुनाव आयोग को देना चाहिए।”
उन्होंने BJP पर तंज कसते हुए कहा कि यह एकमात्र ऐसी पार्टी है जिसे सत्ता विरोधी लहर का कोई असर नहीं होता। “लोकतंत्र में हर दल को विरोध का सामना करना पड़ता है, पर BJP इस प्रक्रिया से कैसे अछूती रह जाती है, यह सोचने वाली बात है,” राहुल ने जोड़ा।
चुनाव आयोग और पोल्स पर भी उठाई उंगली
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि ओपिनियन पोल और एग्जिट पोल अक्सर एक तस्वीर दिखाते हैं, लेकिन नतीजे उससे बिल्कुल उलट आते हैं।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “हरियाणा और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में हमारी पार्टी का सर्वे और ग्राउंड रिपोर्ट बहुत मजबूत थी, लेकिन परिणाम कुछ और ही निकले। इतना बड़ा फर्क आखिर क्यों?”
राहुल का आरोप था कि ये केवल संयोग नहीं, बल्कि सुनियोजित चुनावी छेड़छाड़ का संकेत है। उनका दावा है कि कई बार वोटर्स की संख्या और उनकी सूची को भी बदला जाता है।
महाराष्ट्र में ‘वोटर विस्फोट’ पर जताई चिंता
महाराष्ट्र चुनावों का हवाला देते हुए राहुल गांधी ने और भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, “पिछले पांच सालों की तुलना में केवल पांच महीनों में वहां एक करोड़ नए वोटर कैसे जुड़ गए? जब हमने इस पर चुनाव आयोग से जानकारी मांगी, तो हमें वोटर लिस्ट तक नहीं दी गई। इससे बड़ा संदेह क्या हो सकता है?”
उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस गठबंधन की हार और लोकसभा चुनाव में जीत इस विसंगति का संकेत देती है। “हम मानते हैं कि वोटर लिस्ट में गड़बड़ी की गई और चुनाव में गड़बड़ी हुई है,” राहुल ने जोर देकर कहा।
'लोकतंत्र के लिए खतरनाक संकेत'
राहुल गांधी की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस का मुख्य उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता की मांग करना था। उनका कहना था कि जब तक चुनाव आयोग और सत्ता पक्ष पर सख्त निगरानी नहीं रखी जाएगी, तब तक लोकतंत्र की नींव डगमगाती रहेगी।
उन्होंने कहा, “आज का सवाल ये नहीं है कि कौन जीतता है, बल्कि सवाल ये है कि क्या वोट सही ढंग से डाले और गिने जाते हैं? क्या जनता की आवाज वाकई चुनावी परिणामों में झलकती है?”
राहुल का रुख और तीखा, BJP के लिए चुनौती
राहुल गांधी के आरोप आने वाले बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी के लिए दबाव बढ़ा सकते हैं। उन्होंने न केवल चुनाव प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए, बल्कि एक बड़ी बहस को जन्म दिया है — क्या आज का चुनाव तंत्र वास्तव में निष्पक्ष है?














