
बिहार विधानसभा चुनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को मुजफ्फरपुर की ऐतिहासिक रैली से विपक्ष पर तीखा हमला बोला। उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत “भारत माता की जय” के नारों के बीच करते हुए कहा कि वे बिहार के लोगों के ऋणी हैं, जिन्होंने हमेशा उन्हें अपार स्नेह और समर्थन दिया। इस दौरान पीएम मोदी ने कांग्रेस और आरजेडी दोनों को निशाने पर लिया और आरोप लगाया कि “जंगलराज” में बिहार का विकास रुक गया था।
“छठ महापर्व का अपमान वोट की राजनीति से प्रेरित”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि छठ महापर्व के बाद यह उनकी पहली जनसभा है, और इस पवित्र पर्व के प्रति उनका सम्मान अपार है। उन्होंने कहा — “छठ सिर्फ पूजा नहीं, यह हमारी आस्था, अनुशासन और सामाजिक एकता का प्रतीक है। इसमें मां की ममता और शक्ति दोनों झलकती हैं।” उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्षी दल वोट बैंक की राजनीति के लिए छठी मैया का अपमान कर रहे हैं। “क्या कोई वोट पाने के लिए छठी मैया की अवमानना कर सकता है? यह बिहार कभी सहन नहीं करेगा,” पीएम मोदी ने कहा।
प्रधानमंत्री ने यह भी घोषणा की कि केंद्र सरकार प्रयासरत है कि छठ महापर्व को यूनेस्को की सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल किया जाए, ताकि इस परंपरा का गौरव वैश्विक स्तर पर स्थापित हो।
“महागठबंधन में एकता नहीं, आपसी खींचतान”
प्रधानमंत्री ने महागठबंधन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनकी एकता केवल मंच पर दिखाई देती है, लेकिन भीतर से वे विभाजित हैं। “ये लोग तेल और पानी की तरह हैं — एक साथ दिखते हैं, पर कभी मिलते नहीं,” मोदी ने व्यंग्य किया। उन्होंने कहा कि इस बार बिहार के मतदाता नया इतिहास रचेंगे और महागठबंधन की अब तक की सबसे बड़ी हार तय है।
“छठी मैया का अपमान करने वालों को जनता देगी जवाब”
मोदी ने राहुल गांधी और आरजेडी नेताओं पर सीधा हमला बोलते हुए कहा — “जब मैं छठी मैया का सम्मान बढ़ाने के लिए दुनिया के मंचों पर प्रयास कर रहा हूं, तब ये लोग उसी आस्था का अपमान कर रहे हैं। कांग्रेस और आरजेडी के लिए छठ पूजा ‘ड्रामा’ है — ऐसे लोगों को जनता जरूर सजा देगी।”
“बिहार के लोगों का मैं ऋणी हूं”
मोदी ने मुजफ्फरपुर की प्रसिद्ध लीची का जिक्र करते हुए कहा, “आपकी लीची जितनी मीठी है, उतनी ही प्यारी आपकी बोली है। इतनी बारिश के बावजूद इतनी भीड़ इस बात का सबूत है कि बिहार एनडीए के साथ है। मैं बिहार का बड़ा कर्जदार हूं।”
उन्होंने कहा कि इस जनसागर ने पहले ही तय कर दिया है कि बिहार में फिर से सुशासन की सरकार लौटने वाली है।
“कट्टा, क्रूरता और करप्शन — यही जंगलराज की पहचान”
प्रधानमंत्री ने कहा, “जो लोग बिहार पर वर्षों तक राज करते रहे, उन्होंने राज्य को पिछड़ेपन और भय के दौर में धकेल दिया। आरजेडी और कांग्रेस की पहचान पांच शब्दों में सिमटती है — कट्टा, क्रूरता, कटुता, कुशासन और करप्शन। यही था जंगलराज की सच्ची तस्वीर।”
उन्होंने कहा कि “विकसित भारत” के लिए “विकसित बिहार” जरूरी है, और एनडीए सरकार उसी दिशा में लगातार काम कर रही है।
“RJD और कांग्रेस की सोच में जहर”
पीएम मोदी ने कहा कि आरजेडी और कांग्रेस का चरित्र नहीं बदला है। “जिनके शासन में माता-पिता अपने बच्चों के अपहरण के डर में जीते थे, वे आज भी वैसी ही राजनीति कर रहे हैं। उनके चुनाव प्रचार में छर्रा, कट्टा और दुनाली की बातें होती हैं — यही उनकी सोच और नीयत को दर्शाता है।”
मोदी ने जनता से अपील की कि वे बिहार को फिर से अंधेरे युग में न जाने दें और विकास की रौशनी को बनाए रखें। उन्होंने कहा, “यह चुनाव केवल सरकार चुनने का नहीं, बल्कि बिहार के भविष्य की दिशा तय करने का है।”














