
बिहार में नई एनडीए सरकार के गठन के बाद मंत्रियों ने अपने-अपने विभागों का कार्यभार संभालना शुरू कर दिया है। 22 नवंबर, 2025 को कई मंत्री अपने विभागों में पहुंचे और पदभार ग्रहण किया। इस बार सबसे ज्यादा चर्चा गृह विभाग को लेकर हो रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गृह विभाग की जिम्मेदारी बीजेपी के नेता सम्राट चौधरी को सौंपी है। इस निर्णय को लेकर विपक्ष जहां सवाल उठा रहा है, वहीं सरकार के मंत्री इसे सही कदम मान रहे हैं। जेडीयू के नेताओं को भी इस पर कोई विरोध नहीं है।
इस मौके पर जेडीयू के मंत्री और मुख्यमंत्री के करीबी नेता अशोक चौधरी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में कहा कि सम्राट चौधरी को गृह विभाग सौंपने का उद्देश्य कानून और व्यवस्था को और मजबूत बनाना है। अशोक चौधरी ने बताया कि हाल के दिनों में कुछ अपराधियों ने घटनाओं को अंजाम दिया था और अब गृह विभाग की निगरानी से इन पर बेहतर तरीके से नजर रखी जा सकेगी। उन्होंने कहा कि दौरा करके यह देखा जा सकेगा कि कहां कौन गड़बड़ी कर रहा है।
भरोसा है तो इसमें क्या दिक्कत?
गौरतलब है कि अब तक गृह विभाग हमेशा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास रहा है। यह पहली बार है जब यह विभाग बीजेपी के नेतृत्व में गया है। विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा है कि क्या सरकार पूरी तरह से बीजेपी के नियंत्रण में है। इस पर अशोक चौधरी ने स्पष्ट कहा, "अगर बिहार में उद्योग लाना है और विकास करना है, तो अपराधियों पर पूरी तरह नियंत्रण होना जरूरी है। अगर नीतीश कुमार ने निर्णय लिया कि गृह विभाग सम्राट चौधरी को दिया जाए, और उन पर भरोसा है, तो इसमें दिक्कत क्या है?"
बीते शनिवार को अशोक चौधरी ने ग्रामीण कार्य विभाग में पदभार ग्रहण किया। इस अवसर पर विभागीय आईएएस अधिकारियों और कर्मचारियों ने उनका स्वागत किया। मंत्री ने पद ग्रहण करने के बाद खुशी जाहिर की और कहा कि अब विकास कार्य तेज गति से होंगे और जनता तक इसके लाभ जल्द पहुंचेगे।














