
अब बिहार में यदि किसी ग्रामीण सड़क की हालत खराब नजर आती है, तो लोगों को दफ्तरों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी। नीतीश सरकार ने सड़कों की निगरानी और रख-रखाव को अधिक पारदर्शी व जवाबदेह बनाने के लिए एक अहम पहल की है। इसके तहत आम नागरिक भी अब सीधे सड़क व्यवस्था की निगरानी में भागीदार बन सकेंगे। ग्रामीण कार्य विभाग ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के अंतर्गत बनी सड़कों के रख-रखाव के लिए क्यूआर कोड आधारित फीडबैक सिस्टम लागू करने के निर्देश जारी किए हैं।
ग्रामीण कार्य विभाग के अभियंता प्रमुख सह विशेष सचिव ई. निर्मल कुमार ने मंगलवार (23 दिसंबर, 2025) को विभाग के सभी कार्य प्रमंडलों के कार्यपालक अभियंताओं को स्पष्ट निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि e-MARG (ई-मार्ग) पोर्टल से तैयार किए गए क्यूआर कोड को सड़क किनारे लगाए जाने वाले रख-रखाव सूचना बोर्ड पर अनिवार्य रूप से प्रदर्शित किया जाए। इस व्यवस्था के जरिए कोई भी नागरिक सड़क से जुड़ी शिकायत, समस्या या सुझाव सीधे विभाग तक पहुंचा सकेगा।
तस्वीर खींचकर सीधे भेज सकेंगे शिकायत
क्यूआर कोड स्कैन करते ही आम लोग संबंधित सड़क से जुड़ी पूरी जानकारी देख सकेंगे। इसके साथ ही यदि सड़क पर गड्ढे हों, सतह टूटी हो या किसी अन्य तरह की खामी नजर आए, तो उसकी तस्वीर मौके पर ही खींचकर फीडबैक विंडो के माध्यम से अपलोड की जा सकेगी। यह शिकायत और तस्वीरें सीधे विभागीय डिजिटल सिस्टम में दर्ज होंगी, जिससे कार्रवाई में देरी नहीं होगी।
ई-मार्ग पोर्टल के माध्यम से पीएमजीएसवाई के तहत बनी प्रत्येक सड़क के लिए अलग-अलग क्यूआर कोड तैयार किया गया है। इन क्यूआर कोड को हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में दिए गए निर्देशों के साथ रख-रखाव सूचना बोर्ड पर लगाया जाएगा। नागरिकों द्वारा भेजा गया फीडबैक और तस्वीरें नियमित निरीक्षण (RI) प्रक्रिया से भी जोड़ी जाएंगी, ताकि जमीनी हकीकत का सही आकलन हो सके।
AI और मशीन लर्निंग से होगी तस्वीरों की जांच
विभाग की ओर से बताया गया है कि प्राप्त तस्वीरों और शिकायतों का विश्लेषण आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) तकनीक के माध्यम से किया जाएगा। इससे न केवल सड़क की स्थिति का सटीक मूल्यांकन होगा, बल्कि संबंधित इंजीनियरिंग स्टाफ के प्रदर्शन मूल्यांकन (PE) में भी मदद मिलेगी। अभियंता इन तस्वीरों के आधार पर रख-रखाव से जुड़े फैसले लेंगे, जिससे समस्याओं का समय पर समाधान सुनिश्चित किया जा सकेगा।
अभियंता प्रमुख ई. निर्मल कुमार ने यह भी जानकारी दी कि 17 नवंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक में राष्ट्रीय ग्रामीण अवसंरचना विकास एजेंसी (NRIDA) ने स्पष्ट किया था कि यह क्यूआर कोड आधारित प्रणाली अब पूरी तरह से सक्रिय हो चुकी है। इसके बाद सभी अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि पीएमजीएसवाई के अंतर्गत पंचवर्षीय अनुरक्षण अवधि में आने वाली सभी सड़कों के क्यूआर कोड को फ्लैक्स सामग्री पर प्रिंट कर सूचना बोर्ड पर तत्काल लगाया जाए, ताकि आम जनता इस सुविधा का भरपूर लाभ उठा सके।












