आईसीसी टूर्नामेंटों में 'चोकर्स' का टैग झेल रही दक्षिण अफ्रीकी टीम अब इतिहास रचने से महज 69 रन दूर है। वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल 2025 के तीसरे दिन एडेन मार्कराम और कप्तान टेम्बा बावुमा की शानदार पारियों ने मैच का रुख पलट दिया और ऑस्ट्रेलिया को बैकफुट पर धकेल दिया।
लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर खेले जा रहे विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में शुक्रवार को दक्षिण अफ्रीका ने तीसरे दिन का खेल समाप्त होने तक 213 रन पर 2 विकेट खो दिए। लक्ष्य 282 रनों का है और अब टीम को सिर्फ 69 रन और बनाने हैं। क्रीज पर मौजूद एडेन मार्कराम (102*) और कप्तान टेम्बा बावुमा (65*) ने तीसरे विकेट के लिए 143 रनों की अटूट साझेदारी करते हुए टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया है।
दक्षिण अफ्रीका ने जब लक्ष्य का पीछा करना शुरू किया तो शुरुआती दो विकेट जल्दी गंवा दिए थे। लेकिन फिर मार्कराम ने मोर्चा संभालते हुए संयम और साहस के साथ बल्लेबाजी की। उन्होंने 156 गेंदों में 8वां टेस्ट शतक पूरा किया और चौथी पारी में शतक जड़ने वाले लॉर्ड्स के चंद खिलाड़ियों में अपना नाम दर्ज करा लिया।
बावुमा की जुझारू पारी
दक्षिण अफ्रीकी कप्तान टेम्बा बावुमा की पारी उतनी ही अहम रही जितनी कि मार्कराम की। हैमस्ट्रिंग की चोट के बावजूद उन्होंने मैदान नहीं छोड़ा और लंगड़ाते हुए रन दौड़ते रहे। बावुमा ने 121 गेंदों में नाबाद 65 रन बनाकर साबित कर दिया कि कप्तानी सिर्फ शब्दों से नहीं, जज़्बे से होती है।
ऑस्ट्रेलिया पर दवाब
ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों के लिए अब कुछ असाधारण करने का समय है। अगर वे खिताब बरकरार रखना चाहते हैं तो चौथे दिन उन्हें शुरुआत से ही विकेट निकालने होंगे। दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाज आत्मविश्वास से भरे हुए हैं और टीम में जीत का जुनून साफ दिख रहा है।
ऐतिहासिक पलों की गवाह बनी स्टैंड्स
मार्कराम ने अपना शतक हेज़लवुड की गेंद पर मिडविकेट के ऊपर से शानदार फ्लिक मारकर पूरा किया। इसके बाद उन्होंने बल्ला हवा में लहराया और दर्शकों का अभिवादन किया। इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बने उनकी पत्नी निकोल और दक्षिण अफ्रीका के पूर्व दिग्गज एबी डिविलियर्स, जो स्टैंड्स में मौजूद थे।
दक्षिण अफ्रीका अब तक एक भी आईसीसी सीनियर पुरुष ट्रॉफी नहीं जीत सका है। लेकिन लॉर्ड्स में इतिहास रचने का मौका उसके दरवाजे पर खड़ा है। अगर मार्कराम और बावुमा की जोड़ी एक घंटे और टिक गई, तो 27 साल पुराना सपना साकार हो जाएगा और दक्षिण अफ्रीका खुद को चोकर्स के कलंक से मुक्त कर लेगा।