भारत के युवा बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने एजबेस्टन टेस्ट के पहले दिन 107 गेंदों पर 87 रनों की शानदार पारी खेली, जिसमें 13 चौके शामिल रहे। उन्होंने भारतीय पारी को मजबूती देने में अहम भूमिका निभाई। हालांकि वे अपने शतक से 13 रन दूर रह गए और क्रिस वोक्स की गेंद पर आउट हो गए। इस शानदार पारी के बाद अनुभवी बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने जायसवाल के खेल को लेकर अहम टिप्पणी की और उनकी एक प्रमुख कमजोरी की ओर इशारा किया।
सही लेंथ पर गेंदबाजी ही जायसवाल की कमजोरी
पुजारा ने स्टंप्स के बाद बातचीत करते हुए कहा, "अगर किसी गेंदबाज को जायसवाल को जल्दी आउट करना है तो उसे लगातार ऑफ-स्टंप के आसपास गुड लेंथ पर गेंदबाजी करनी होगी। आपको धैर्य रखना होगा और इंतजार करना होगा कि कब वह गलती करता है।" पुजारा ने यह भी कहा कि जायसवाल शुरुआत में थोड़ा अधीर नजर आए, लेकिन जब वे सेट हो गए तो शानदार तरीके से स्ट्रोक्स खेलने लगे।
शुरुआती आधे घंटे के बाद मुश्किल हो जाते हैं जायसवाल
103 टेस्ट का अनुभव रखने वाले पुजारा ने बताया कि जायसवाल का शुरुआती खेल थोड़ा जोखिम भरा हो सकता है, लेकिन एक बार जब वे पिच पर जम जाते हैं, तो उन्हें आउट करना बेहद कठिन हो जाता है। पुजारा ने कहा, "शुरुआत में ऐसा लग रहा था जैसे वो ज़्यादा शॉट खेलने की जल्दी में हैं। लेकिन जैसे ही उन्होंने खुद को संभाला, उनके शॉट्स बेहद आकर्षक और नियंत्रण में थे।"
हर लेंथ पर स्ट्रोक्स की महारत
पुजारा ने जायसवाल की बैटिंग रेंज की तारीफ करते हुए कहा, "अगर आप फुल लेंथ पर गेंदबाजी करते हैं, तो वह शानदार ड्राइव खेलते हैं। ऑफ-स्टंप के बाहर शॉर्ट गेंद डालो तो कट करते हैं, और बाउंसर फेंको तो उसे आत्मविश्वास से पुल करते हैं। उनके खिलाफ गेंदबाजों की गलती की गुंजाइश बेहद कम है।"
सीरीज में अब तक शानदार फॉर्म
जायसवाल इस समय जबरदस्त फॉर्म में हैं। चल रही तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी की तीन पारियों में वे अब तक 192 रन बना चुके हैं, और उनका औसत 64 का है। पहला टेस्ट मैच जो हेडिंग्ले, लीड्स में खेला गया था, उसमें उन्होंने पहली पारी में 101 रन बनाए थे, हालांकि टीम इंडिया वह मैच पांच विकेट से हार गई थी।
दूसरी पारी में बेहतर मौके
अब जब भारतीय टीम एजबेस्टन टेस्ट में मजबूत स्थिति में है, जायसवाल के पास इस टेस्ट की दूसरी पारी में शतक की भरपाई करने का बेहतरीन मौका होगा। हालांकि उनके इस प्रदर्शन और तकनीक पर गौर करके इंग्लिश टीम दूसरी पारी में उनके खिलाफ पुजारा द्वारा सुझाई गई रणनीति अपनाने का प्रयास कर सकती है।
कुल मिलाकर, जायसवाल न सिर्फ तकनीकी तौर पर मजबूत नजर आ रहे हैं बल्कि अब उनकी पारियों में मैच-जीताऊ ठहराव भी दिखने लगा है — यही उन्हें अगली पीढ़ी का भरोसेमंद बल्लेबाज बनाता है।