Tokyo Olympic : पदक जीतने की कगार पर हैं अदिति! महिला हॉकी टीम के कोच ने यूं बढ़ाया हौसला
By: Rajesh Mathur Fri, 06 Aug 2021 1:11:17
भारतीय गोल्फर अदिति अशोक टोक्यो ओलंपिक में भारत के लिए बड़ा इतिहास रचने की कगार पर पहुंच गई हैं। अदिति महिलाओं के व्यक्तिगत स्ट्रोक प्ले के तीसरे राउंड के बाद दूसरे स्थान पर कायम हैं। अदिति के पास गोल्ड मेडल जीतने का बेहतरीन मौका है। अगर शनिवार को खराब मौसम के कारण चौथा और फाइनल राउंड नहीं होता है तो अदिति को सिल्वर मेडल मिल सकता है। हालांकि रविवार का रिजर्व डे भी रखा गया है। 23 साल की अदिति बेंगलुरु की हैं।
भारत ने अब तक ओलंपिक में गोल्फ में मेडल नहीं जीता है। रियो ओलंपिक 2016 में अदिति महिला गोल्फ प्रतियोगिता में सबसे कम उम्र की प्रतियोगी थीं। अदिति ने कहा कि रियो में हिस्सा लेने से मुझे अनुभव मिला। ओलंपिक विलेज में रहना और एथलीटों को देखना बेहतरीन अनुभव था। इस ओलंपिक में मुझे लगता है कि मैं अच्छा फिनिश करूंगी। मैं पदक जीतने की कोशिश करूंगी। यह सिर्फ चौथा मौका है जब ओलंपिक में गोल्फ खेला जा रहा है।
तीन राउंड से दूसरे स्थान पर चल रही हैं अदिति
गोल्फ की यह
इवेंट बुधवार को कासुमिगासेकी कंट्री क्लब में शुरू हुई। पहले दिन स्वीडन
की मेडलिन सैगस्ट्रॉम ने 66 का कार्ड खेला और पहले नंबर पर रहीं। अदिति
अशोक ने 4 अंडर 67 का कार्ड खेला था। वे दुनिया की नंबर एक गोल्फर अमेरिका
की नेली कोर्डा (67) के साथ संयुक्त रूप से दूसरे नंबर पर थीं। अदिति ने
गुरुवार को दूसरे राउंड में और बेहतर प्रदर्शन किया। उन्होंने 5 बर्डी
लगाते हुए 66 का कार्ड खेला, लेकिन वे कोर्डा से पिछड़ गईं। कोर्डा ने
दूसरे राउंड में 62 का जबरदस्त कार्ड खेला और पहले स्थान पर कब्जा कर लिया।
दो राउंड के बाद उनका कुल स्कोर 13 अंडर 129 था, तो वहीं अदिति का 9 अंडर
133 था। शुक्रवार को तीसरे राउंड में कोर्डा ने 69 का कार्ड खेला और टॉप पर
कायम रहीं। अदिति ने 68 का कार्ड खेला।
कोच सोर्ड मारजेन ने कहा, लड़कियों के लिए गर्व का पल
भारतीय
महिला हॉकी टीम ओलंपिक के इतिहास में पहली बार पदक जीतने से रह गई। टोक्यो
ओलंपिक में ग्रेट ब्रिटेन ने भारत को 4-3 से हराकर कांस्य पदक पर कब्जा
जमा लिया। इस हार के बाद कोच सोर्ड मारजेन टीम को सांत्वना देते नजर आए।
उन्होंने कहा कि टीम बेशक मेडल जीतने से चूक गई, लेकिन उन्हें लगता है कि
उनकी टीम ने कुछ बड़ा हासिल किया है। मारजेन ने ट्विटर पर लिखा कि पहली बात
जो मैंने कही, हार के बारे में यह मेरी पहली व्यक्तिगत भावना है। हां आप
जीतना चाहते हैं, लेकिन वास्तव में सबसे पहले मुझे लगता है कि गर्व का पल
है।
मुझे लड़कियों पर गर्व है कि कैसे उन्होंने फिर से अपनी लड़ाई
और कौशल दिखाया। आम तौर पर जब भारतीय महिला टीम 0-2 से पीछे होती थीं तो वे
हमेशा 0-3, 0-4 से पिछड़ती थीं और लेकिन अब वे लड़ती है और इस मैच में भी
लड़ती रहीं। हमने मैच में वापसी और हम एक गोल से आगे भी थे। मैंने लड़कियों
से कहा कि सुनो, मैं तुम्हारे आंसू नहीं पोछ सकता। उसके लिए कोई शब्द मदद
नहीं करेगा। हमने पदक नहीं जीता, लेकिन मुझे लगता है कि हमने कुछ बड़ा
हासिल किया है।
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