टीम इंडिया ने चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का खिताब अपने नाम कर लिया है। रोहित शर्मा की कप्तानी में भारतीय टीम ने 9 महीनों के भीतर दूसरी बड़ी ट्रॉफी जीत ली है। टी20 वर्ल्ड कप 2024 का खिताब हासिल करने के बाद, अब रोहित की अगुवाई में टीम इंडिया ने 12 साल बाद चैंपियंस ट्रॉफी पर कब्जा जमाया।
दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में 9 मार्च को खेले गए फाइनल मुकाबले में भारत ने शानदार गेंदबाजी और कप्तान रोहित शर्मा की बेहतरीन पारी की बदौलत न्यूजीलैंड को 4 विकेट से मात दी। इस जीत के साथ टीम इंडिया ने 25 साल पहले इसी टूर्नामेंट के फाइनल में न्यूजीलैंड से मिली हार का बदला भी पूरा किया। इसके अलावा, भारत ने सबसे ज्यादा बार चैंपियंस ट्रॉफी जीतने का नया रिकॉर्ड भी बना लिया।
लगभग 9 महीने पहले, रोहित शर्मा की कप्तानी में ही भारत ने टी20 वर्ल्ड कप जीतकर लंबे इंतजार को खत्म किया था। उस ऐतिहासिक जीत ने न सिर्फ टीम की भूख को बढ़ाया बल्कि उनके जज्बे को भी और मजबूत किया। इसी जज़्बे के साथ चैंपियंस ट्रॉफी में भी टीम इंडिया ने दमदार प्रदर्शन किया और पूरे टूर्नामेंट में एक भी मैच गंवाए बिना चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया।
स्पिनर्स ने कसा बल्लेबाजों पर शिकंजा
दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में एक बार फिर भारतीय कप्तान रोहित शर्मा टॉस हार गए, लेकिन नतीजा वही निकला जो पिछले चार मैचों में हुआ था—टीम इंडिया की दमदार जीत। भारतीय स्पिनर्स ने इस बार भी रनों की गति पर ब्रेक लगाया और टीम को अहम सफलताएँ दिलाईं। वरुण चक्रवर्ती (2/45) ने भारत को पहली सफलता दिलाई, लेकिन असली कमाल कुलदीप यादव (2/40) ने किया। पूरे टूर्नामेंट में अपनी गेंदबाजी में निरंतरता की कमी के कारण आलोचनाओं का सामना कर रहे कुलदीप ने इस बार शानदार वापसी की। उन्होंने अपनी पहली ही गेंद पर रचिन रवींद्र (37) को क्लीन बोल्ड कर दिया और फिर अगले ही ओवर में केन विलियमसन का विकेट भी झटक लिया।
इसके बाद डैरिल मिचेल (63) ने न्यूजीलैंड की पारी को संभालने की कोशिश की, जिसमें ग्लेन फिलिप्स (34) ने भी उनका साथ दिया। हालांकि, न्यूजीलैंड की टीम इससे पहले ही सस्ते में ढेर हो सकती थी, यदि टीम इंडिया ने इन दोनों बल्लेबाजों के कैच न छोड़े होते। भारत ने इस फाइनल मुकाबले में कुल 4 कैच ड्रॉप किए, लेकिन स्पिनर्स की कसी हुई गेंदबाजी ने न्यूजीलैंड को ज्यादा फायदा उठाने का मौका नहीं दिया। अंत में, माइकल ब्रेसवेल ने 40 गेंदों में नाबाद 53 रन की ताबड़तोड़ पारी खेली, जिससे न्यूजीलैंड 251 रन के प्रतिस्पर्धी स्कोर तक पहुँचने में कामयाब रहा।
फाइनल में रोहित का जलवा
टीम इंडिया को इस बड़े मुकाबले में अपने कप्तान रोहित शर्मा से एक शानदार पारी की उम्मीद थी—और इस बार उन्होंने निराश नहीं किया। पूरे टूर्नामेंट में उनके बल्ले से कोई बड़ी पारी नहीं आई थी, और फाइनल मैचों में भी वे अब तक अर्धशतक तक नहीं बना सके थे। साथ ही, उनके संन्यास को लेकर अटकलें भी जोरों पर थीं। ऐसे में रोहित (76) ने इस मौके को पूरी तरह भुनाया और अपने आक्रामक अंदाज से न्यूजीलैंड को शुरू से ही दबाव में ला दिया। उन्होंने तेज़ अर्धशतक जड़ते हुए शुभमन गिल (31) के साथ शतकीय साझेदारी कर भारत को शानदार शुरुआत दिलाई।
हालांकि, इसके बाद टीम इंडिया को दो झटके जल्दी-जल्दी लगे—शुभमन गिल के आउट होते ही विराट कोहली (1) भी पवेलियन लौट गए। जल्द ही कप्तान रोहित भी अपना विकेट गंवा बैठे, जिससे भारत थोड़ा दबाव में आ गया। लेकिन श्रेयस अय्यर (48) और अक्षर पटेल (29) ने 61 रनों की साझेदारी कर टीम को संभाला। श्रेयस अर्धशतक से चूक गए और अक्षर भी जल्द ही आउट हो गए, लेकिन इसके बाद केएल राहुल (34 नाबाद) और हार्दिक पंड्या ने टीम को जीत के करीब पहुंचा दिया। जीत से ठीक पहले हार्दिक आउट हुए, मगर राहुल ने रवींद्र जडेजा के साथ मिलकर टीम इंडिया को चैंपियन बना दिया।