पंजाब किंग्स ने इंडियन प्रीमियर लीग 2025 के 31वें मुकाबले में कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ ऐसा कारनामा कर दिखाया, जो आईपीएल इतिहास में अब तक नहीं हुआ था। मोहाली के महाराजा यादविंद्र सिंह इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम, मुल्लांपुर में खेले गए इस मुकाबले में पंजाब ने महज 111 रन का स्कोर डिफेंड करते हुए ऐतिहासिक जीत दर्ज की। इस जीत के साथ पंजाब किंग्स अब आईपीएल के इतिहास में सबसे कम स्कोर बचाने वाली टीम बन गई है (बारिश से प्रभावित मैचों को छोड़कर)।
युजवेंद्र चहल ने गेंदबाज़ी में कमाल करते हुए 4 ओवर में 28 रन देकर 4 विकेट चटकाए और मैच का रुख पूरी तरह से पंजाब की ओर मोड़ दिया। चहल के साथ-साथ मार्को यानसेन ने भी शानदार प्रदर्शन करते हुए तीन विकेट लिए, जिसमें अंतिम और निर्णायक विकेट आंद्रे रसेल का था। पूरी KKR टीम 15.1 ओवर में सिर्फ 95 रन पर सिमट गई।
केकेआर की शुरुआत अच्छी रही थी और एक समय स्कोर 62/2 था। तभी चहल ने अजिंक्य रहाणे को एलबीडब्ल्यू आउट किया — हालांकि रिप्ले में दिखा कि गेंद ऑफ स्टंप के बाहर लगी थी और अगर डीआरएस लिया गया होता, तो रहाणे बच सकते थे। इसके बाद चहल ने अंकृष रघुवंशी को बोल्ड किया और फिर लगातार गेंदों पर रिंकू सिंह और रामदीप सिंह को आउट कर KKR की रीढ़ तोड़ दी। आख़िरी झटका यानसेन और अर्शदीप सिंह ने दिया और पंजाब ने जीत की मुहर लगा दी।
आईपीएल इतिहास के सबसे कम स्कोर जो डिफेंड किए गए:
1. 111 रन – पंजाब किंग्स vs कोलकाता नाइट राइडर्स, मुल्लांपुर (2025)
पंजाब किंग्स ने आईपीएल इतिहास का सबसे कम स्कोर डिफेंड कर जीत हासिल की। चहल और यानसेन की उम्दा गेंदबाज़ी ने केकेआर की पूरी पारी ध्वस्त कर दी।
2. 116/9 – चेन्नई सुपर किंग्स vs पंजाब किंग्स (तब किंग्स XI पंजाब), डरबन (2009)
साल 2009 में साउथ अफ्रीका में खेले गए इस मुकाबले में सीएसके ने 116 रन बनाकर पंजाब को 92/8 पर रोक दिया। अश्विन, मुरलीधरन, थुषारा और सुरेश रैना ने दो-दो विकेट लिए।
3. 118 रन – सनराइजर्स हैदराबाद vs मुंबई इंडियंस, मुंबई (2018)
2018 में SRH की टीम 118 रन पर ऑलआउट हो गई थी। इसके बावजूद उन्होंने मुंबई इंडियंस को केवल 87 रन पर ढेर कर दिया। सिद्धार्थ कौल, राशिद खान और थंपी ने शानदार गेंदबाज़ी की थी।
अन्य उल्लेखनीय डिफेंड:
• 119/8 – पंजाब किंग्स vs मुंबई इंडियंस, डरबन (2009)
• 119/8 – सनराइजर्स हैदराबाद vs पुणे वॉरियर्स इंडिया, पुणे (2013)
इस रिकॉर्ड ने न केवल पंजाब की गेंदबाज़ी को मजबूती से सामने रखा, बल्कि यह दिखाया कि टी-20 में रणनीति और संयम से खेला जाए तो कम स्कोर भी जीत दिला सकते हैं।