
भारत और इंग्लैंड के बीच लॉर्ड्स टेस्ट के तीसरे दिन एक बार फिर धीमी गति से चल रही कार्रवाई पर पूर्व भारतीय कोच रवि शास्त्री भड़क उठे। इस बार मामला 'ड्रिंक्स ब्रेक' के बाद गेंद बदलने की देरी को लेकर था, जिसने खेल में अनावश्यक व्यवधान डाला। रवि शास्त्री ने इसे अंपायरों की 'सामान्य समझ की कमी' बताते हुए सख्त आलोचना की।
drinks ब्रेक के तुरंत बाद गेंद बदलने की प्रक्रिया पर सवाल
शनिवार, 12 जुलाई को लॉर्ड्स टेस्ट के तीसरे दिन जैसे ही ड्रिंक्स ब्रेक के बाद खेल फिर से शुरू होने वाला था, अंपायरों ने गेंद की जांच शुरू कर दी और गेंद बदलने का फैसला लिया। इस देरी से खेल दोबारा रुक गया, जिससे न केवल दर्शक बल्कि कमेंट्री बॉक्स में मौजूद रवि शास्त्री और इयान वॉर्ड भी नाराज नजर आए।
इयान वॉर्ड ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा, "अगर गेंद बदलनी ही थी, तो ब्रेक के दौरान ही क्यों नहीं की गई? पूरा ब्रेक खत्म होने के बाद इस प्रक्रिया को शुरू करना बिल्कुल हास्यास्पद है।"
रवि शास्त्री ने कहा- ‘यह सामान्य समझ की बात है’
रवि शास्त्री ने इयान वॉर्ड की बात से सहमति जताते हुए कहा, “मैं पूरी तरह सहमत हूं। यह बस सामान्य समझ की बात है। आप ड्रिंक्स ब्रेक का उपयोग इस तरह की तकनीकी जांचों के लिए करते हैं ताकि खेल में बाधा न आए। लेकिन यहां तो 5 गेंदें जांची गईं और कोई भी रिंग टेस्ट में फिट नहीं बैठी। सवाल यह है कि जब ये गेंदें उपयोग के योग्य ही नहीं थीं, तो वे बॉक्स में थीं ही क्यों?”
लॉर्ड्स टेस्ट में पहले दिन भारत ने केवल 83 ओवर ही डाले और दूसरे दिन तो केवल 76 ओवर फेंके गए। लगातार रुकावटों, बार-बार गेंद बदलने और धीमी ओवर गति ने टेस्ट मैच की गति और रोमांच को प्रभावित किया है। फैन्स और विशेषज्ञ दोनों ही इन देरी भरे पलों से नाराज हैं।
रवि शास्त्री जैसे वरिष्ठ क्रिकेट विश्लेषक की टिप्पणी इस ओर इशारा करती है कि अंपायरिंग स्तर पर कुछ बुनियादी सावधानियों की कमी से खेल की लय बिगड़ रही है। इस तरह की घटनाएं न केवल मैच की गुणवत्ता को प्रभावित करती हैं, बल्कि दर्शकों के अनुभव को भी फीका कर देती हैं। लॉर्ड्स जैसे ऐतिहासिक मैदान पर इस प्रकार की लापरवाही क्रिकेट के उच्चतम स्तर पर चिंता का विषय बनती जा रही है।














