पंजाब किंग्स ने मंगलवार को कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ कमाल कर दिखाया और इंडियन प्रीमियर लीग के इतिहास में सबसे कम स्कोर डिफेंड करने वाली टीम बन गई। मोहाली के मुल्लांपुर स्टेडियम में खेले गए मुकाबले में पंजाब ने केवल 127 रन बनाए थे, लेकिन युज़वेंद्र चहल की घातक गेंदबाज़ी ने पूरी कहानी पलट दी। पंजाब ने यह रोमांचक मुकाबला 16 रनों से जीत लिया।
शुरुआत में केकेआर के सलामी बल्लेबाज़ क्विंटन डी कॉक और सुनील नारायण जल्दी पवेलियन लौट गए—क्रमशः दो और पांच रन बनाकर। इसके बाद अजिंक्य रहाणे और अंकृष रघुवंशी ने पारी को संभालते हुए 55 रनों की साझेदारी की। सब कुछ नियंत्रण में लग रहा था, लेकिन तभी रहाणे 17 रन बनाकर चहल की गेंद पर एलबीडब्ल्यू हो गए। हालांकि, बाद में रिप्ले में साफ हुआ कि गेंद ऑफ स्टंप के बाहर लगी थी और अगर डीआरएस लिया गया होता, तो रहाणे नॉट आउट होते।
रहाणे के आउट होते ही केकेआर की पारी बिखरने लगी। चहल ने इस मौके का भरपूर फायदा उठाते हुए कुल चार विकेट चटकाए और पंजाब को ऐतिहासिक जीत दिलाई। वेंकटेश अय्यर, जिन पर नीलामी में ₹23.75 करोड़ खर्च किए गए थे, मात्र चार गेंदों में सात रन ही बना सके। वहीं रिंकू सिंह, जो टीम के सबसे महंगे रिटेन खिलाड़ी हैं, नौ गेंदों में सिर्फ दो रन बनाकर आउट हो गए।
आंद्रे रसेल ने कुछ आक्रामक शॉट्स जरूर लगाए, जिसमें चहल को दो छक्के और एक चौका भी मारा, लेकिन उनकी कोशिश नाकाफी साबित हुई। एक गलत निर्णय में उन्होंने स्ट्राइक अपने पास रखने की बजाय हरषित राणा को दी, और उसी ओवर में मार्को यानसेन ने राणा को आउट कर दिया। रसेल ने आखिरी उम्मीद जगाई थी, लेकिन 16वें ओवर में यानसेन ने उन्हें भी चलता किया और इसी के साथ केकेआर की उम्मीदें भी खत्म हो गईं।
चहल का यह प्रदर्शन आईपीएल में उनके करियर का दूसरा सबसे बेहतरीन स्पेल रहा और इस जीत ने पंजाब को इतिहास रचने का मौका दिया।