इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने क्रिकेट को और ज्यादा प्रतिस्पर्धात्मक और रोमांचक बनाने के लिए कई अहम नियमों में बदलाव करने का निर्णय लिया है। ये नए नियम जून 2025 से प्रभाव में आ जाएंगे। रेड बॉल और व्हाइट बॉल क्रिकेट, दोनों में नियमों को संतुलित किया जाएगा ताकि बल्लेबाजों और गेंदबाजों के बीच बेहतर संतुलन बनाया जा सके। क्रिकबज की रिपोर्ट के अनुसार, एकदिवसीय क्रिकेट (वनडे) में पुरानी गेंद के इस्तेमाल, कन्कशन सब्स्टीट्यूट, डीआरएस नियम और बाउंड्री पर कैच पकड़ने जैसे कई पहलुओं में अहम संशोधन किए जा रहे हैं।
वनडे में गेंदबाजों को मिलेगा ज्यादा समर्थन
आईसीसी का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि गेंदबाजों और बल्लेबाजों के बीच बराबरी की टक्कर हो। बीते कुछ वर्षों में सीमित ओवरों के प्रारूप में बल्लेबाजों का वर्चस्व रहा है, जिससे गेंदबाजों को अपनी धार खोते देखा गया। अब तक वनडे मैचों में दो नई गेंदों का प्रयोग होता था — एक गेंद हर छोर से फेंकी जाती थी। इस नियम के कारण गेंद पुरानी नहीं हो पाती थी और स्विंग और सीम मूवमेंट की संभावना कम हो जाती थी।
लेकिन नए नियमों के अनुसार, जून 2025 से वनडे में सिर्फ 34 ओवर तक ही दो गेंदों का उपयोग किया जाएगा। इसके बाद, 35वें ओवर से लेकर 50वें ओवर तक केवल एक गेंद का इस्तेमाल किया जाएगा। फील्डिंग टीम को यह तय करना होगा कि वह कौन-सी गेंद को आगे के ओवरों के लिए उपयोग करना चाहती है। चयनित गेंद का उपयोग फिर दोनों छोर से किया जाएगा। अगर किसी कारणवश मैच 25 ओवर से कम का होता है (जैसे बारिश की वजह से), तो दोनों पारियों में केवल एक-एक गेंद का ही उपयोग होगा। यह नया नियम 2 जुलाई से शुरू हो रही श्रीलंका-बांग्लादेश वनडे सीरीज से प्रभावी होगा।
कन्कशन सब्स्टीट्यूट के नियमों में भी बड़ा बदलाव
कन्कशन सब्स्टीट्यूट को लेकर लंबे समय से चर्चा चल रही थी, और अब ICC ने इस नियम में भी बदलाव किया है। अब हर टीम को मैच शुरू होने से पहले मैच रेफरी को पांच संभावित कन्कशन सब्स्टीट्यूट खिलाड़ियों की सूची देनी होगी। इस सूची में एक विकेटकीपर, एक बल्लेबाज, एक तेज गेंदबाज, एक स्पिनर और एक ऑलराउंडर शामिल होगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि सब्स्टीट्यूट खिलाड़ी उसी भूमिका के अनुरूप हो।
इसके अलावा बाउंड्री लाइन पर लिए गए कैचों और डीआरएस प्रोटोकॉल में भी बदलाव किए जा रहे हैं, जिनकी विस्तृत जानकारी आईसीसी जल्द ही सभी टीमों को देगी। वहीं, टेस्ट क्रिकेट में ये बदलाव वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2025 के फाइनल के बाद लागू होंगे।