
भारत और इंग्लैंड के बीच लॉर्ड्स टेस्ट में जहां एक ओर मुकाबला रोमांचक मोड़ पर पहुंच चुका है, वहीं दूसरी ओर टीम इंडिया के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज पर इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने अनुशासनात्मक कार्रवाई की है। चौथे दिन इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज़ बेन डकेट को आउट करने के बाद सिराज के आक्रामक सेलिब्रेशन ने उन्हें महंगा पड़ गया है। आईसीसी ने उन्हें आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी ठहराते हुए मैच फीस का 15 फीसदी जुर्माना लगाया है।
क्या था पूरा मामला?
यह घटना इंग्लैंड की दूसरी पारी के छठे ओवर में हुई, जब मोहम्मद सिराज ने बेन डकेट को LBW आउट किया। विकेट गिरते ही सिराज भावनाओं में बहते हुए आउट हुए बल्लेबाज के काफी करीब जाकर जोरदार अंदाज़ में जश्न मनाने लगे। यह हरकत ICC की नजरों में 'आक्रामक और भड़काऊ' मानी गई, जो विपक्षी खिलाड़ी की प्रतिक्रिया को भड़काने वाला व्यवहार होता है।
किस नियम का उल्लंघन हुआ?
ICC ने सिराज को आचार संहिता के अनुच्छेद 2.5 का उल्लंघन करने का दोषी पाया है। यह अनुच्छेद "किसी अंतरराष्ट्रीय मैच के दौरान बल्लेबाज के आउट होने पर आक्रामक इशारों, भाषा या प्रतिक्रिया के माध्यम से अपमानजनक व्यवहार" को परिभाषित करता है।
इसके चलते सिराज की 15 प्रतिशत मैच फीस काटी गई है और साथ ही उनके अनुशासनात्मक रिकॉर्ड में एक डिमेरिट पॉइंट भी जोड़ा गया है।
सिराज ने माना अपराध
सिराज ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है और ICC की सजा को भी स्वीकार कर लिया है, जिससे अब उनके खिलाफ किसी औपचारिक सुनवाई की आवश्यकता नहीं रही। यह डिमेरिट पॉइंट उनके खाते में पिछले 24 महीनों में दूसरा है। इससे पहले उन्हें दिसंबर 2024 में एडिलेड टेस्ट के दौरान एक और डिमेरिट अंक मिला था।
ICC के नियमों के मुताबिक, अगर कोई खिलाड़ी 24 महीनों के भीतर चार डिमेरिट अंक तक पहुंचता है, तो उस पर एक टेस्ट, दो वनडे या दो टी20 मैचों का बैन लगाया जा सकता है। ऐसे में सिराज के लिए आगे का रास्ता सतर्कता से भरा होगा।
मोहम्मद सिराज का जुनून और जज़्बा मैदान पर अक्सर देखने को मिलता है, लेकिन इस बार उनकी भावनात्मक प्रतिक्रिया उन्हें महंगी पड़ गई। ICC की यह कार्रवाई यह स्पष्ट संकेत देती है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अनुशासन और खेल भावना सबसे ऊपर है। भारतीय टीम के लिए सिराज जैसे गेंदबाज़ की अहमियत को देखते हुए यह ज़रूरी हो जाता है कि वह भविष्य में अपने जश्न को नियंत्रित रखें, ताकि टीम किसी भी सजा या निलंबन से प्रभावित न हो।














