भारत और इंग्लैंड के बीच हेडिंग्ले में खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच का पहला दिन भारत की युवा टीम के नाम रहा। शुभमन गिल ने कप्तानी की पहली पारी में नाबाद 127 रन बनाते हुए न केवल अपनी नेतृत्व क्षमता का परिचय दिया, बल्कि यशस्वी जायसवाल (101) और ऋषभ पंत (65*) की शानदार पारियों के साथ भारत को 359/3 के मजबूत स्कोर तक पहुंचा दिया। विराट कोहली, रोहित शर्मा और रविचंद्रन अश्विन की गैरमौजूदगी में यह नई टीम पहली बार मैदान पर उतरी और उसने दुनिया को बता दिया कि भारतीय टेस्ट क्रिकेट अब भी उतना ही मजबूत है।
राहुल-जायसवाल की सधी हुई शुरुआत
टॉस जीतकर इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने भारत को बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया, लेकिन यह निर्णय जल्द ही भारी साबित हुआ। केएल राहुल और यशस्वी जायसवाल ने नई गेंद को संभलकर खेला और पहले सेशन में टीम को स्थिरता दी। दोनों ने पहले विकेट के लिए 91 रन जोड़े। हालांकि राहुल (42) ब्रायडन कार्स की गेंद पर आउट हो गए और तुरंत बाद डेब्यूटेंट साई सुदर्शन भी बिना खाता खोले पवेलियन लौट गए।
कप्तान गिल ने संभाला मोर्चा
भारत ने लंच तक स्कोर 92/2 तक पहुंचाया था। इसके बाद मैदान पर उतरे कप्तान शुबमन गिल, जिन्होंने चौथे नंबर पर बल्लेबाजी की जिम्मेदारी संभाली — एक ऐसा स्थान जो वर्षों तक विराट कोहली के नाम रहा है। शुरुआती कुछ गेंदों में रनआउट से बाल-बाल बचे गिल ने इसके बाद जबरदस्त नियंत्रण और तकनीकी दक्षता दिखाई। उन्होंने केवल 56 गेंदों में अर्धशतक पूरा किया और यशस्वी के साथ मिलकर पारी को मजबूती प्रदान की।
जायसवाल की जिद और जश्न
जायसवाल ने इस दौरान संयमित लेकिन प्रभावशाली अंदाज़ में बल्लेबाजी की। जैसे ही वह नब्बे के पार पहुंचे, उन्हें थोड़ी थकावट और ऐंठन महसूस हुई, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और टी ब्रेक से ठीक पहले अपना शतक पूरा किया। यह उनका पांचवां टेस्ट शतक था और तीसरा शतक पहली विदेशी टेस्ट पारी में, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। हालांकि शतक के बाद वे बेन स्टोक्स की गेंद पर बोल्ड हो गए।
गिल ने रचा इतिहास, पंत ने जोड़ा रोमांच
जायसवाल के आउट होने के बाद ऋषभ पंत मैदान पर उतरे। दूसरी ही गेंद पर उन्होंने स्टोक्स को सीधा चौका जड़कर अपने अंदाज़ का परिचय दिया, लेकिन इसके बाद उन्होंने संयम दिखाया। वहीं, गिल अपनी सधी हुई बल्लेबाजी से धीरे-धीरे शतक की ओर बढ़ते रहे। उन्होंने 140 गेंदों में शानदार कवर ड्राइव से अपना शतक पूरा किया और टेस्ट कप्तानी डेब्यू पर सैकड़ा जमाने वाले पांचवें भारतीय बन गए।
पंत की पारी ने दिल जीता
ऋषभ पंत ने दिन के अंतिम सत्र में अपनी रफ्तार बढ़ाई और स्पिनरों के खिलाफ आक्रामक बल्लेबाजी शुरू कर दी। उन्होंने एक के बाद एक चौके-छक्के लगाकर इंग्लैंड के गेंदबाज़ों को दबाव में ला दिया। उन्होंने 102 गेंदों में 65 रनों की नाबाद पारी खेली और गिल के साथ मिलकर 138 रनों की साझेदारी करते हुए भारत को दिन का अंत 359/3 के स्कोर पर करवाया।
नई पीढ़ी का नया अध्याय
यह दिन भारतीय टेस्ट क्रिकेट में एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक था। कोहली-रोहित-अश्विन युग के बाद यह पहली सीरीज़ है, जिसमें उनकी अनुपस्थिति में युवा खिलाड़ियों ने नेतृत्व संभाला है। गिल, जायसवाल और पंत की इस तिकड़ी ने न केवल स्कोरबोर्ड पर रन जोड़े, बल्कि यह साबित कर दिया कि भारत की अगली पीढ़ी भी विश्व क्रिकेट में दबदबा कायम रखने के लिए तैयार है।