भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते सीमा तनाव के कारण भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2025 को एक सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया है। बीसीसीआई ने स्पष्ट किया है कि जब देश युद्ध की स्थिति में हो, तो क्रिकेट का आयोजन उचित नहीं है।
आईपीएल के स्थगित होने से बीसीसीआई और संबंधित पक्षों को भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ा है। यह झटका सिर्फ बीसीसीआई या आईपीएल ही नहीं, बल्कि इससे जुड़े तमाम लोगों को नुकसान हुआ है। इसमें तमाम वेंडर्स, आईपीएल मैच वाले शहरों और अन्य कई छोटे-बड़े व्यापारी भी शामिल हैं।
ज्ञातव्य है कि अभी आईपीएल के 16 मैच बाकी हैं, इनमें चार प्लेऑफ के मैच भी शामिल हैं। हालांकि देश जिन हालात से गुजर रहा है, उसके सामने किसी भी नुकसान की कोई वैल्यू नहीं है। इसके बावजूद अनुमान के मुताबिक आईपीएल के इस तरह से स्थगित होने से बीसीसीआई को प्रति मैच तकरीबन 100 से 125 करोड़ रुपए का नुकसान हो सकता है। यह वो रकम है जो बीसीसीआई को राजस्व के रूप में प्राप्त होती है।
विदेशी खिलाड़ियों की स्थिति
आईपीएल गवर्निंग काउंसिल के अनुसार, विदेशी खिलाड़ियों और कोचों की वापसी के कारण टूर्नामेंट की पुनः शुरुआत में चुनौतियाँ आ सकती हैं। इसकी वजह यह है कि सभी फ्रेंचाइजियों में विदेशी खिलाड़ियों, कोच और सपोर्ट स्टाफ की संख्या काफी ज्यादा है। भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने के बाद से ही सभी विदेशी खिलाड़ी और स्टाफ अपने देश लौटने लगे हैं। हालांकि इनमें से तमाम खिलाड़ी और अन्य स्टाफ को भारतीय क्रिकेट बोर्ड पर काफी ज्यादा भरोसा है। ऐसे में अगर उनकी नेशनल ड्यूटी आड़े नहीं आती है तो वह आईपीएल के बचे हुए मैचों के लिए भारत जरूर लौटना चाहेंगे। हालांकि, बीसीसीआई की प्राथमिकता मई माह में आईपीएल को पूरा करने की है। यदि ऐसा संभव नहीं होता है, तो अगस्त और सितंबर में आयोजन की योजना बनाई जा सकती है, लेकिन इसके लिए बांग्लादेश दौरे और एशिया कप को रद्द करना पड़ सकता है।
आईपीएल रद्द होने की स्थिति में संभावित प्रभाव
यदि आईपीएल 2025 पूरी तरह से रद्द हो जाता है, तो अनुमानित ₹5,500 करोड़ के विज्ञापन राजस्व का एक तिहाई से अधिक नुकसान हो सकता है। इसके अलावा, फ्रेंचाइजी और संबंधित पक्षों को भी वित्तीय नुकसान का सामना करना पड़ेगा।
अनुमान के मुताबिक मेजबान प्रसारकों को अनुमानित 5,500 करोड़ के विज्ञापन राजस्व का एक तिहाई से अधिक छोड़ना पड़ेगा। सभी दसों फ्रेंचाइजी पर भी इसका असर होगा। इसमें भी जो आईपीएल के सेंट्रल रेवेन्यू पूल पर निर्भर हैं, जिसमें ब्रॉडकास्ट और स्पांसरशिप राइट्स हैं, उन्हें ज्यादा चपत लगेगी। इसके अलावा गेट कलेक्शन का मामला भी है। चार प्लेऑफ मैचों का गेट कलेक्शन आईपीएल/बीसीसीआई की प्रॉपर्टी होगा, वहीं सात होम लीग मैचों के गेट कलेक्शन का पैसा उस शहर की फेंचाइजी के पास जाना है। इसमें आरसीबी के होम ग्राउंड पर दो मैच होने हैं। इसके मैच टिकट की फीस अन्य जगहों के मुकाबले महंगे हैं। ऐसे में आईपीएल थमने का असर सिर्फ आरसीबी के प्रदर्शन ही नहीं, बल्कि उनकी जेब पर भी होगा।
हालांकि देश की सुरक्षा सर्वोपरि है, लेकिन आईपीएल का स्थगित होना भारतीय क्रिकेट के लिए एक बड़ा वित्तीय झटका है। बीसीसीआई और संबंधित पक्ष स्थिति की गंभीरता को समझते हुए भविष्य की योजनाओं पर विचार कर रहे हैं।