OPS को लेकर भजनलाल सरकार का यू टर्न, जारी किया नया संशोधित आदेश

By: Shilpa Wed, 24 Jan 2024 4:22:51

OPS को लेकर भजनलाल सरकार का यू टर्न, जारी किया नया संशोधित आदेश

जयपुर। राजस्थान में ओपीएस बंद नहीं हुई है। भजनलाल सरकार ने नया संशोधित आदेश जारी किया है। इससे पहले राजस्थान विधानसभा में आज शून्यकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर सरकार पर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद सरकार ओपीएस को खत्म करना चाहती है। राजस्थान सरकार के कृषि विभाग के एक आदेश से पुरानी पेंशन योजना बंद करने को लेकर सवाल खड़े हो गए थे। आदेश में लिखा था कि नवनियुक्त सरकारी कर्मचारियों को अंशदायी पेंशन योजना से पेंशन दी जाएगी, लेकिन अब सरकार की ओर से पेंशन वाला बिंदु नए आदेश में हटा कर संशोधित कर दिया गया है।

नेता प्रतिपक्ष ने स्थिति स्पष्ट करने की मांग की

उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव के दौरान सरकारी कर्मचारियों की ओल्ड पेंशन स्कीम लागू रखने का मुद्दा सबसे ज्यादा गर्माया था। राजस्थान की पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने नई पेंशन स्कीम की जगह ओल्ड पेंशन स्कीम लागू की थी, लेकिन भजनलाल शर्मा सरकार ने नवनियुक्त कार्मिकों के लिए ओपीएस के बजाय दोबारा एनपीएस लागू करने का आदेश जारी कर दिया। इसको लेकर सियासी बवाल खड़ा गया था। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा- सरकार आदेश निकाल रही है। लेकिन स्थिति स्पष्ट नहीं कर रही है।

पहले के आदेश में एनपीएस का किया जिक्र

राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से सहायक कृषि अनुसंधान अधिकारी के पद पर चयनित 25 अभ्यर्थियों की सूची जारी की गई। जिसमें नियुक्तियां की शर्तों में अंशुदायी पेंशन योजना लागू होने का जिक्र किया गया है। इसे लेकर राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) सवाल उठाए हैं।

राजस्थान सरकार ने कृषि विभाग की ओर से 22 जनवरी को जारी सहायक कृषि अनुसंधान अधिकारी (रसायन) के 25 कार्मिकों की नियुक्ति आदेश जारी किए, जिसमें लिखा है कि इन कर्मचारियों को अंशदायी पेंशन योजना वित्त विभाग के परिपत्र 29 जनवरी 2004 और 13 मार्च 2006 के अनुसार लागू होगी।

उन्होंने कहा कि कृषि विभाग में 25 कार्मिकों के नियुक्ति आदेश में 2004 के परिपत्रानुसार नई पेंशन स्कीम लागू करने के आदेश जारी किए गए हैं। जिसे कार्मिक अस्वीकार करते हैं। उन्होंने शिक्षक और कर्मचारी समुदाय का आह्वान करते हुए कहा कि सरकार के इस फैसले के खिलाफ संघर्ष किया जाएगा। इस संघर्ष में अपने आहुति देने के लिए तैयार रहें।

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