अफगानिस्तान संकट: काबुल से 250 भारतीयों के एयरलिफ्ट की तैयारी, लेकिन एयरपोर्ट तक लोगों का पहुंचना बड़ी चुनौती
By: Pinki Sat, 21 Aug 2021 09:23:07
अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद हालात दिन पर दिन बिगड़ते जा रहे हैं। काबुल एयरपोर्ट पर अफरातफरी का माहौल बना हुआ है। सभी देश अपने-अपने नागरिकों को वहां से निकालने में लगे हैं तो तालिबान के खौफ से अफगानी भी देश छोड़ना चाहते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत ने भी अपने लोगों को निकालने के लिए एयरफोर्स का ग्लोबमास्टर C-17 स्टैंडबाय मोड पर रखा है, इसे कभी भी काबुल भेजा जा सकता है। इस विमान के जरिए 250 लोगों के भारत लौटने की उम्मीद है, लेकिन यह देखना होगा कि कितने लोग काबुल एयरपोर्ट तक पहुंच पाते हैं, क्योंकि एयरपोर्ट जाने वाले रास्तों पर तालिबानियों का पहरा है। हालांकि तालिबान ये दावा भी कर रहा है कि वह दूसरे देशों के लोगों को जाने से नहीं रोक रहा है।
इससे पहले मंगलवार को 120 से ज्यादा लोगों की ग्लोबमास्टर C-17 से वतन वापसी हुई थी। इनमें काबुल स्थित भारतीय दूतावास के अधिकारी, ITBP के जवान और अन्य लोग शामिल थे। इससे पहले सोमवार को भी 45 लोगों को एयरलिफ्ट किया गया था।
तेज हुआ तालिबान का विरोध
वहीं, दूसरी तरफ तालिबान का विरोध भी तेज हो गया है। राजधानी काबुल से करीब 125 किलोमीटर दूर पंजशीर घाटी के लड़ाकों ने तालिबान के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंक दिया है। इस लड़ाई में 15 तालिबान मारे गए हैं, जबकि 10 को पंजशीर के लड़ाकों ने पकड़ लिया है। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है। तालिबान ने लगभग पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है, लेकिन पंजशीर अकेला ऐसा इलाका है जो तालिबान के नियंत्रण से बाहर है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तालिबान ने एक प्रतिनिधिमंडल पंजशीर में अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद से वार्ता करने के लिए भेजा है। वहीं एक इंटरव्यू में मसूद ने कहा है कि वो वार्ता और हमले दोनों के लिए तैयार हैं।
अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री जनरल बिस्मिल्ला मोहम्मद ने भी सोशल मीडिया पर कहा है कि पुल-ए-हिसार, बानू और देह-ए-सलाह से तालिबान को खदेड़ दिया गया है। बिस्मिल्लाह मोहम्मद अशरफ गनी की सरकार में रक्षा मंत्री थे।