देश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था पर बिहार के डिप्टी CM सुशील मोदी का अजीब बयान, कहा - सावन-भादो में रहती है आर्थिक मंदी
By: Pinki Mon, 02 Sept 2019 09:19:12
देश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था पर टिप्पणी देते हुए बिहार के उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री सुशील मोदी (Sushil Modi) ने कहा कि सावन-भादो के महीने में मंदी तो रहती ही है। सुशील मोदी ने ट्वीट में लिखा कि अमूमन हर साल सावन-भादो में अर्थव्यवस्था में मंदी रहती है, लेकिन इस बार कुछ राजनीतिक दल इस मंदी का ज्यादा शोर मचा कर चुनावी पराजय की खीझ उतार रहे हैं।
बिहार के वित्त मंत्री ने कहा कि आर्थिक मंदी को लेकर चिंता करने की कोई बात नहीं है क्योंकि केंद्र सरकार कई उपाय कर रही है। सुशील मोदी ने कहा, 'केंद्र सरकार ने अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए 32 सूत्री राहत पैकेज की घोषणा की है और 10 छोटे बैंकों के विलय की पहल की है। सरकार के इन उपायों का असर अगली तिमाही में होगा।'
सुशील मोदी ने कहा कि बिहार में मंदी का खास असर नहीं है, इसलिए वाहनों की बिक्री नहीं घटी है। सुशील मोदी ने कहा कि सरकार जल्द ही तीसरा पैकेज घोषित करने वाली है। सुशील मोदी के ट्वीट पर लोगों ने तरह-तरह की प्रतिक्रिया दी है। कुछ लोगों ने कहा कि अर्थशास्त्र की आपकी यह थ्योरी समझ में नहीं आई। ज्ञात हो कि इससे पहले भी सुशील मोदी के उस बयान ने खूब सुर्खियां बटोरी थी, जब उन्होंने अपराधियों से पितृ पक्ष में क्राइम नहीं करने की अपील की थी।
केंद्र सरकार ने अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए 32 सूत्री राहत पैकेज की घोषणा और 10 छोटे बैंकों के विलय की पहल से लेंडिंग कैपिसिटी बढ़ाने जैसे जो चौतरफा उपाय किये हैं, उनका असर अगली तिमाही में महसूस किया जाएगा।
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) September 1, 2019
वैसे तो हर साल सावन-भादो में मंदी रहती है, लेकिन इस बार....... pic.twitter.com/6pu1xkqzWP
बता दें कि भारतीय अर्थव्यवस्था इन दिनों मंदी की मार से जूझ रही है। मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आर्थिक विकास की दर करीब 6 साल में सबसे कम होकर 5 फीसदी पर पहुंच गई है। जो दिखाती है कि भारत मंदी के जंजाल में फंस गया है। सबसे हैरानी कि बात है कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ सिर्फ 0.6 रही। एक साल में ही जीडीपी में 3 प्रतिशत की भारी गिरावट हुई है।
बता दें कि सावन और भादो हिन्दू कैलेंडर का पांचवां और छठा महीना है। इस महीने में हिन्दू मान्यताओं के मुताबिक नये सामानों की खरीद नहीं होती है और न ही नया काम शुरू किया जाता है।
मोदी सरकार के कुप्रबंधन ने देश की अर्थव्यवस्था को मंदी में ढकेल दिया : मनमोहन सिंह
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) ने कहा कि जीडीपी (GDP) का पांच फीसदी पर पहुंच जाना इस बात का संकेत है कि हम एक लंबी मंदी के भंवर में फंस चुके हैं। पूर्व पीएम ने कहा भारत की अर्थव्यवस्था में तेजी से आगे बढ़ने की क्षमता है, लेकिन मोदी सरकार के कुप्रबंधन ने देश की अर्थव्यवस्था को मंदी में ढकेल दिया है। मनमोहन सिंह ने कहा कि अर्थव्यवस्था अब तक नोटबंदी और जीएसटी जैसे मानवीय कुप्रबंधन से उबर नहीं पाई है। पूर्व पीएम ने कहा कि घरेलू मांग में निराशा साफ नजर आ रही है और खपत में वृद्धि 18 महीने के सबसे निचले स्तर पर है। नॉमिनल जीडीपी 15 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है।कर राजस्व में भारी कमी है। मनमोहन सिंह ने कहा, निवेशकों में भारी उदासीनता है। यह आर्थिक सुधार की नींव नहीं है।
नौकरियों के अवसर पैदा न होने पर भी मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार को जमकर घेरा। उन्होंने कहा कि ऑटोमोबाइल सेक्टर में 3.5 लाख नौकरियां जा चुकी हैं। इसी तरह असंगठित क्षेत्र में भी बड़े पैमाने पर लोग नौकरियां खो रहे हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण भारत की स्थिति और दयनीय है। किसानों को सही दाम नहीं मिल रहा और ग्रामीण आय गिर गई है।उन्होंने कहा कि जिस कम महंगाई दर को मोदी सरकार दिखा रही है, उसकी कीमत हमारे किसान और उनकी आय है।