PM मोदी ने दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी मूर्ति का किया लोकार्पण, बोले- रामानुजाचार्य ने जाति भेद खत्म करने का काम किया

By: Pinki Sat, 05 Feb 2022 7:34:28

PM मोदी ने दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी मूर्ति का किया लोकार्पण, बोले- रामानुजाचार्य ने जाति भेद खत्म करने का काम किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शनिवार को बसंत पंचमी के मौके पर हैदराबाद पहुंचे। यहां पर उन्होंने देश को 216 फीट ऊंची वैष्णव संत रामानुजाचार्य स्वामी की Statue Of Equality की मूर्ति समर्पित की है। इस प्रतिमा को करीब 1000 करोड़ रुपए की लागत से बने रामानुजाचार्य मंदिर में स्थापित किया गया है। बताया गया है कि Statue Of Equality बैठी हुई मुद्रा में दूसरी सबसे ऊंची मूर्ति है।

Statue Of Equality को बनाने के लिए सोना, चांदी, तांबा, पीतल का भरपूर इस्तेमाल किया गया है। मूर्ति के अलावा 63,444 वर्ग फुट क्षेत्र के भूतल में एक विशाल फोटो गैलरी भी तैयार की गई है जहां पर संत रामानुजाचार्य का पूरा जीवन देखने को मिलेगा।

जानकारी ये भी मिली है कि संत रामानुजाचार्य की मूर्ति के पास में सभी देशों के झंडे लगाए जाएंगे। ऐसा करने के पीछे मंशा ये है कि संत रामानुजाचार्य ने अपने पूरे जीवन में कभी भी जाति-धर्म-रंग के नाम पर कोई भेदभाव नहीं किया था।

लोकार्पण के बाद मोदी ने कहा- 'रामानुजाचार्य जी ने जाति भेद खत्म करने के लिए काम किया।'
मोदी ने श्लोक सुनाया- 'न जाति ही कारणं, लोके गुणा कल्याण हेतवा यानी संसार में जाति से नहीं, गुणों से कल्याण होता है।'

उन्होंने कहा, 'रामानुजाचार्य जी ने यादव गिरी पर नारायण मंदिर बनवाया और उसमें दलितों को पूजा का अधिकार देकर समानता का संदेश दिया था। समाज में जो बुराई से लड़ते हैं , जो समाज को सुधारते हैं। समाज में उन्हें इज्जत मिलती है। समाज में जिनके साथ भेदभाव होता था, उसके लिए उन्होंने काम किया। रामानुजाचार्य जी ने छुआछूत को मिटाने के लिए कई प्रयास किए।'

उन्होंने कहा, "आज रामानुजाचार्य जी विशाल मूर्ति Statue of Equality के रूप में हमें समानता का संदेश दे रही है। इसी संदेश को लेकर आज देश ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, और सबका प्रयास’ के मंत्र के साथ अपने नए भविष्य की नींव रख रहा है। विकास हो, सबका हो, बिना भेदभाव हो। जिन्हें सदियों तक प्रताड़ित किया गया, वो पूरी गरिमा के साथ विकास के भागीदार बनें, इसके लिए आज का बदलता हुआ भारत, एकजुट प्रयास कर रहा।"

इस अनावरण से पहले पीएम मोदी ने पाटनचेरु में ICRISAT की 50वीं वर्षगांठ समारोह में शिरकत की थी। तब पीएम ने कहा था कि हम दोहरी रणनीति पर काम कर रहे हैं। एक तरफ हम वाटर कर्वर्जन के माध्यम से नदियों को जोड़कर एक बड़े क्षेत्र को इरिगेशन के दायरे में ला रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ हम कम सिंचित क्षेत्रों में वाटर यूज इफेसिएंसी बढ़ाने के लिए माइक्रो इरिगेशन पर जोर दे रहे हैं।

बता दें कि ICRISAT एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो एशिया और उप-सहारा अफ्रीका में विकास के लिए कृषि अनुसंधान करता है। यह किसानों को बेहतर फसल की किस्में और संकर प्रदान करके मदद करता है।

बता दे, प्रधानमंत्री मोदी शाम 5 बजे शमशाबाद स्थित 'यज्ञशाला' पहुंचकर यहां चल रहे धार्मिक अनुष्ठान में शामिल हुए हैं। पुजारियों ने उनका तिलक आदि कर उन्हें रुद्राभिषेक में शामिल किया है। धार्मिक अनुष्ठान के बाद उन्होंने 11वीं सदी के संत और समाज सुधारक रामानुजाचार्य की 216 फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण कर उसे देश को लोकार्पित किया। स्टैच्यू ऑफ इक्वैलिटी अष्टधातु से बनी दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी प्रतिमा है। इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल किया गया है।

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