सोनीपत की ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी एक बार फिर सुर्खियों में है, इस बार गंभीर घटना के चलते। आठ छात्रों ने विश्वविद्यालय के हॉस्टल में घुसकर एक छात्र की बेरहमी से पिटाई कर दी। पीड़ित छात्र को तुरंत शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है।
पीड़ित छात्र के अभिभावकों ने इस मामले की शिकायत विश्वविद्यालय प्रबंधन से की, जिसके बाद विश्वविद्यालय ने सख्त कदम उठाते हुए मारपीट करने वाले आठ छात्रों को सस्पेंड कर दिया है।
जागरण की खबर के अनुसार ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के लॉ विभाग के प्रथम वर्ष के छात्र ने बताया कि वह शुक्रवार देर शाम एक दोस्त के बुलावे पर उसके कमरे में गया था। कमरे में पहले से तीन अन्य छात्र मौजूद थे, और कुछ देर बाद दो और छात्र भी वहां आ गए। कुछ समय बाद इन छात्रों ने पीड़ित छात्र को अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए उसे कान पकड़कर उठक-बैठक लगवाने को कहा, और पैंट उतारने का दबाव डाला। विरोध करने पर सभी छात्रों ने बिना किसी कारण उसे बुरी तरह से पीटना शुरू कर दिया, जिससे उसकी शर्ट भी फट गई।
आरोप है कि एक छात्र ने हाथ में पहने कड़े से पीड़ित पर वार किया, जिसके कारण उसके होंठ, गर्दन, सिर और पीठ में चोटें आईं। पीड़ित छात्र ने बार-बार विनती की, लेकिन उसे तभी छोड़ा गया जब उसने किसी को इस बारे में न बताने की कसम खाई। पीड़ित छात्र को शहर के निजी अस्पताल में दाखिल करवाया गया और उपचार किया गया।
पीड़ित के अभिभावकों ने इस मामले में डायल 112 पर भी शिकायत दर्ज कराई थी। विश्वविद्यालय प्रबंधन ने शनिवार को तुरंत कार्रवाई करते हुए आठ छात्रों को सस्पेंड कर दिया है। हालांकि, अभिभावकों को एफआईआर दर्ज न कराए जाने के लिए काफी समझाया गया।
कुछ दिन पहले ही ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी में सूटकेस में लड़की को ले जाने का विवाद सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, जिससे विश्वविद्यालय पूरे देश में सुर्खियों में आ गया था। इस मामले में विश्वविद्यालय ने तुरंत कार्रवाई करते हुए छह विद्यार्थियों को सस्पेंड कर दिया था, जिनमें वह लड़की भी शामिल थी, जो सूटकेस में बंद थी।
इसके अलावा, जिंदल यूनिवर्सिटी में मारपीट के मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। फरवरी में, बीए क्रिमिनोलाजी के द्वितीय वर्ष के एक छात्र के साथ कुछ सीनियर छात्रों ने मारपीट की थी, जिसमें छात्र से चेन छीनने और मोबाइल तोड़ने की घटना सामने आई थी। घायल छात्र को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, और मामले की शिकायत राई थाना पुलिस को दी गई थी।
विश्वविद्यालय के प्रवक्ता अंजु मोहन ने बताया कि यह रैगिंग का मामला नहीं था, बल्कि छात्रों के दो समूहों के बीच मारपीट थी, जिसे विश्वविद्यालय के कर्मचारियों ने तुरंत रोक दिया था। उन्होंने बताया कि इस घटना में शामिल सभी छात्रों को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। विश्वविद्यालय में रैगिंग के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति है, जिसके तहत दोषी पाए जाने पर निष्कासन सहित कठोर दंड का प्रावधान है।