कोश्यारी के बयान पर बवाल: उद्धव ठाकरे ने पूछा- उन्हें घर कब भेजा जाएगा?, राज ठाकरे बोले - मराठी मानुष को गुस्सा मत दिलाइए

By: Pinki Sat, 30 July 2022 1:47:08

कोश्यारी के बयान पर बवाल: उद्धव ठाकरे ने पूछा- उन्हें घर कब भेजा जाएगा?, राज ठाकरे बोले - मराठी मानुष को गुस्सा मत दिलाइए

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी अपने बयान को लेकर घिरते नजर आ रहे हैं। शिवसेना, मनसे, NCP और कांग्रेस के बाद अब बीजेपी विधायक आशीष शेलार ने भी उनके बयान से असमहति जताई है। आशीष शेलार ने ट्वीट कर कहा कि माननीय राज्यपाल के बयान से हम कतई समहत नहीं हैं।

बीजेपी विधायक ने ट्वीट किया, 'माननीय राज्यपाल के बयान के साथ हम कतई सहमत नहीं हैं। महाराष्ट्र और मुंबई मराठी लोगों की मेहनत, पसीने और शहादत के साथ खड़े हैं। ऐसा हमारा गौरवशाली इतिहास पनो पानी कहता है। किसी को भी उसे किसी भी स्थिति से नाखुश करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए!'

बीजेपी विधायक से पहले शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा था कि राज्यपाल ने जिस तरह की बात कही, वह निंदनीय है। महाराष्ट्र की जनता ने मुम्बईबज्व के लिए खून पसीना दिया है। हर चीज को पैसों से नहीं तौलना चाहिए। बीजेपी और सीएम इस तरह के वक्तव्य के लिए उनकी निंदा करें, और केंद्र सरकार उन्हें तुरंत वापस बुलाए। वह लगातार विवादित बयान देते हैं। महाराष्ट्र और मराठी मानुस का अपमान करते हैं। अब महाराष्ट्र इसे बर्दाश्त नहीं करेगा। राज्यपाल के दिए बयान से पूरे राज्य में गुस्सा है। हर कोई उनकी इस टिप्पणी की निंदा कर रहा है। लेकिन अब तक बीजेपी और सीएम चुप हैं, हमें देखना है वे इस मुद्दे पर क्या कहते हैं। राज्यपाल का बयान मुंबई के उन 105 लोगों, जिंन्होने इस शहर को महाराष्ट्र के साथ रखने के लिए अपनी जान दी, उन हुतात्माओं का अपमान है।

उद्धव ने पूछा- उन्हें घर कब भेजा जाएगा?

पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने राज्यपाल के बयान को मराठी लोगों का अपमान बताया है। ठाकरे ने कहा कि राज्यपाल के बयान ने मराठी मानुषों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई। मुंबई और ठाणे में निगम चुनाव होने जा रहे हैं और कोश्यारी राज्यपाल की कुर्सी पर बैठे हैं। वो समुदायों को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। सवाल ये है कि उन्हें घर कब वापस भेजा जाएगा?

बयान पर भड़के राज ठाकरे

उद्धव से पहले MNS प्रमुख राज ठाकरे ने भी राज्यपाल के बयान को लेकर कड़ा विरोध जता चुके हैं। उन्होंने कहा, 'आपको महाराष्ट्र के इतिहास के बारे में जानकारी नहीं है, तो बोलना बंद कीजिए। राज्यपाल एक प्रतिष्ठित और सम्मान का पद है। इसलिए आपके विरोध में बोलने से लोग कतराते हैं। परंतु आपके बयान से राज्य की जनता को दुख होता है। महाराष्ट्र की जनता दूसरे राज्य के लोगों को अपने मन और जमीन दोनों में जगह दे रही है, तभी तो लोग यहां व्यवसाय करने के लिए आए और आते रहते हैं। दूसरी तरफ उन्हे कभी ऐसा माहौल मिलेगा क्या? बेवजह, चुनाव नजदीक है तो मुंह में जो आए और कोई कुछ कहे तो बोलना बंद कीजिए। आप यह क्यूं बोल रहे हैं, मराठी मानुष को गुस्सा मत दिलाइए, इतना मैं अभी आपको बता देता हूं।'

महाराष्ट्र कांग्रेस चीफ ने भी निंदा

महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा, "हम महाराष्ट्र के राज्यपाल द्वारा की गई टिप्पणी की निंदा करते हैं। उन्हें जनता से माफी मांगनी चाहिए। उन्हें तत्काल प्रभाव से उनके पद से हटाया जाना चाहिए।"

राज्यपाल कोश्यारी माफी मांगें: NCP


NCP विधायक ने कहा है कि महाराष्ट्र और मुंबई के लोग कुशल और सक्षम हैं। हम ईमानदार लोग हैं जो चटनी से रोटी खाते हैं और दूसरों को खिलाते हैं। विधायक मितकारी ने कहा है कि आपने मराठी लोगों का अपमान किया है, जल्द से जल्द महाराष्ट्र से माफी मांगें।

राज्यपाल कोश्यारी ने सफाई में कही ये बात

वहीं अब राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने अपने बयान को वापस ले लिया है। उन्होंने कहा कि राजस्थानी समाज के कार्यक्रम में मैंने जो बयान दिया था, मेरा मराठी लोगों को कम आंकने का कोई इरादा नहीं था। मैंने केवल गुजराती और राजस्थानी मंडलों द्वारा व्यापार में किए गए योगदान पर बात की। मराठी लोगों ने मेहनत कर महाराष्ट्र का निर्माण किया। इसीलिए आज कई मराठी उद्यमी प्रसिद्ध हैं। वे न केवल महाराष्ट्र में, बल्कि देश और दुनिया में मराठी का झंडा फहरा रहे हैं। इसलिए मराठी लोगों के योगदान को कम करके आंकने का सवाल ही नहीं उठता। लेकिन मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। महाराष्ट्र के निर्माण में मराठी लोगों की मेहनत का सबसे ज्यादा योगदान है।

हाल ही में राजनीतिक चश्मे के माध्यम से सब कुछ देखने की दृष्टि विकसित हुई है, हमें उसे बदलना होगा। एक समुदाय की सराहना करना दूसरे समुदाय का अपमान नहीं है। राजनीतिक दलों को इस पर अकारण विवाद नहीं खड़ा करना चाहिए। कम से कम मेरे द्वारा मराठी लोगों का कभी अपमान नहीं किया जाएगा। विभिन्न जातियों और समुदायों से बनी इस मराठी भूमि की प्रगति और विकास में सभी का योगदान है और मराठी लोगों का योगदान अधिक है।

भगत सिंह कोश्यारी ने क्या कहा था?


दरअसल मुंबई में एक लोकल कार्यक्रम में शामिल हुए राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा था, 'कभी-कभी मैं यहां लोगों से कहता हूं कि महाराष्ट्र में विशेषकर के मुंबई-ठाणे से गुजरातियों और राजस्थानियों को निकाल दो, तो तुम्हारे यहां पैसा बचेगा ही नहीं। ये मुंबई आर्थिक राजधानी कहलाती, वो आर्थिक राजधानी कहलाएगी ही नहीं।'

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