मोदी सरकार पर तंज: संजय राउत ने कहा - 'बैल कितना भी अड़ियल हो, किसान खेत जुतवा ही लेता है'
By: Pinki Sat, 20 Nov 2021 11:54:11
तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के बाद शिवसेना ने मोदी सरकार पर तंज कसते हुए ट्वीट किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, 'बैल कितना भी अड़ियल क्यों ना हो, किसान खेत जुतवा ही लेता है, जय जवान, जय किसान!'
इतना ही नहीं आज 20 नवंबर को पत्रकारों को संबोधित करते हुए शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि डेढ़ साल से किसान अन्यायकारी कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे थे। ये कानून जमीन के मालिक किसानों को गुलाम बनाने के लिए लाया गया था। आंदोलन को जालियांबाग की तरह जुल्म से दबाने की कोशिश की गई। लेकिन किसान आंदोलन करते हुए जुटे रहे, किसान बारिश और धूप सहते रहे, आखिरकर केंद्र सरकार को किसानों के सामने झुकना ही पड़ा। लेकिन केंद्र सरकार का अहंकार अभी भी खत्म नहीं हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों से माफी नहीं मांगी है।
बैल कितना भी अड़ियल क्यों न हो,
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) November 20, 2021
किसान अपना खेत जुतवा ही लेता है।
जय जवान
जय किसान!!
संजय राउत ने पत्रकारों से कहा, 'किसान पीछे नहीं हटे, 13 राज्यों के चुनावों में बीजेपी को हार का मुंह देखना पड़ा। आगे उत्तरप्रदेश और पंजाब विधानसभा में चुनाव हारने का डर है। इसलिए केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों का वापस लिया है।'
शिवसेना के मुखपत्र सामना में भी केंद्र की मोदी सरकार पर जम कर हमले किए गए हैं। संपादकीय में लिखा, 'जिन किसानों को पाकिस्तानी, खालिस्तानी कह कर बदनाम किया गया उन्हीं के सामने केंद्र सरकार ने सफेद झंडा क्यों फहराया?'
सामना में लिखा, 'राहुल गांधी ने जनवरी में कहा था- सरकार को यह तीन काला कानून पीछे लेना ही पड़ेगा, मैंने क्या कहा था, यह ध्यान रखो- राहुल गांधी को पप्पू कहकर अपमानित करनेवालों को अब यह याद रखना चाहिए।'
सामना में लिखा, 'लखीमपुर खीरी में आंदोलनरत किसानों को भाजपा के मंत्रीपुत्र ने कुचलकर मार डाला। उस "जलियांवाला बाग" जैसे हत्याकांड के विरोध में पूर्ण बंद का आह्वान करनेवाला महाराष्ट्र पहला राज्य था। न्याय, सत्य और राष्ट्रवाद की लड़ाई में महाराष्ट्र ने हमेशा ही निर्णायक भूमिका अपनाई है, इसके आगे भी ऐसी ही भूमिका अपनानी पड़ेगी। तीन कृषि कानून को वापस लेने के लिए आखिरकार केंद्र सरकार को मजबूर होना पड़ा। किसानों की एकजुटता की विजय हुई ही है। पीछे नहीं हटेंगे, ऐसा कहनेवाला अहंकार पराजित हुआ। परंतु अभी भी अंधभक्त कहेंगे ‘क्या यह साहब का मास्टर स्ट्रोक!'