CIA का दावा - पुतिन में गुस्सा और निराशा, यूक्रेन युद्ध अब होगा खतरनाक!
By: Priyanka Maheshwari Mon, 14 Mar 2022 3:53:19
रूस-यूक्रेन जंग को आज 19 दिन हो गए हैं। दोनों देशों के बीच शुरू हुई जंग अब और भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है। इस बात का अंदेशा अमेरिका की इंटेलिजेंस एजेंसियों से जुड़े अधिकारियों ने जताया है। अमेरिकी खुफिया अधिकारियों का मानना है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर दो दिन में कब्जा करने का प्लान बनाया था। पुतिन ने सारी ताकत भी आजमा ली है, लेकिन जंग दो हफ्ते से भी ज्यादा लंबी खींच गई है। ऐसे में इस बात की आशंका जताई जा रही है कि अब ये जंग और भी ज्यादा खतरनाक मोड़ पर आ सकती है।
सेना की नाकामी से पुतिन में गुस्सा
अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA के डायरेक्टर विलियम बर्न्स का मानना है कि यूक्रेन को तोड़ने के लिए पुतिन इस जंग को और तेज कर सकते हैं।
उनका कहना है कि रूस के पास बड़ी सेना है और वो कई हफ्तों तक यूक्रेन पर बम बरसा सकती है।
उनका मानना है कि अपनी सेना की नाकामी से पुतिन में गुस्सा और निराशा है, लिहाजा वो यूक्रेन में और भी ज्यादा हिंसा और तबाही मचाने की तैयारी कर रहे हैं।
विलियम बर्न्स रूस में अमेरिका के राजदूत रहे हैं और कई बार पुतिन से मुलाकात भी कर चुके हैं। उनसे जब पुतिन की मानसिक स्थिति के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि पुतिन निराश और गुस्से में हैं।
उनका कहना है कि ये गुस्सा और निराशा और भी बढ़ सकती है और वो आम नागरिकों की मौत की परवाह किए बगैर यूक्रेनी सेना को कुचलने की कोशिशें तेज कर सकते हैं।
बर्न्स का कहना है कि अभी इस जंग के खत्म होने का कोई सीधा-सीधा रास्ता नहीं दिख रहा है।
उन्होंने कहा कि ये एकदम अकल्पनीय है कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की अचानक रूस पर क्रीमिया पर कब्जे को मान्यता दे देंगे या फिर पूर्वी यूक्रेन के दो हिस्सों (डोनेत्स्क और लुहांस्क) की स्वतंत्रता को मान लेंगे।
उनका कहना है कि अगर रूस कीव पर कब्जा कर भी लेता है और जेलेंस्की को हटा भी देता है तो भी पुतिन को 4 करोड़ नागरिकों के विद्रोह का सामना करना होगा।
उन्होंने कहा कि पुतिन के पास यूक्रेनियों के विद्रोह को शांत करने का कोई स्थायी राजनीतिक समाधान भी नहीं है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की नेशनल इंटेलिजेंस के डायरेक्टर एव्रिल हेन्स का कहना है कि पुतिन इसे युद्ध के तौर पर देख रहे हैं, जिसमें वो अपनी हार का जोखिम नहीं उठा सकते।