नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले को लेकर कांग्रेस नेता और सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के बयान ने राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है। वाड्रा ने न केवल इस हमले को केंद्र सरकार के ‘हिंदुत्व एजेंडे’ से जोड़ा, बल्कि इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ‘संदेश’ बताया।
रॉबर्ट वाड्रा ने कहा, “हमारे देश में इस सरकार द्वारा लगातार हिंदुत्व की बातें की जाती हैं, जिससे अल्पसंख्यक समुदाय खुद को असहज और असुरक्षित महसूस कर रहा है। जब आप इस आतंकी हमले का विश्लेषण करते हैं और देखते हैं कि हमलावर लोगों की पहचान पूछकर उन्हें मार रहे हैं, तो इसका कारण देश में फैली धार्मिक खाई है।”
वाड्रा ने आगे कहा कि आतंकी हमलावरों द्वारा धर्म पूछकर हिंदुओं की हत्या करना इस बात की ओर इशारा करता है कि ‘मुसलमान खुद को कमज़ोर महसूस कर रहे हैं’ और यह हमला प्रधानमंत्री के लिए एक संदेश है।
उन्होंने कहा, “इस प्रकार की घटनाएं केवल तभी रुकेंगी जब देश में शीर्ष स्तर से यह स्पष्ट संदेश जाएगा कि भारत एक सुरक्षित और धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है। हमें ऐसा वातावरण बनाना होगा जहां हर समुदाय खुद को सुरक्षित महसूस करे।”
बीजेपी ने जताई तीखी आपत्ति
वाड्रा के इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी ने कड़ा विरोध जताया है। बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने वाड्रा के बयान का वीडियो साझा करते हुए लिखा, “चौंकाने वाला! सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा न केवल आतंकियों के कृत्य का बचाव कर रहे हैं, बल्कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के लिए भारत को ही दोषी ठहरा रहे हैं।”
गौरतलब है कि मंगलवार को पहलगाम में आतंकियों ने पर्यटकों पर हमला किया था, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई थी। हमलावरों ने पहले पीड़ितों से धर्म और नाम पूछे, फिर उनकी पहचान के आधार पर गोलियां चलाईं। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ी द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली थी।