कोरोना की तीसरी लहर: हिल स्टेशनों पर उमड़ रही भीड़ पर PM मोदी ने जताई चिंता, कहा - अपना एन्जॉयमेंट रोकना होगा
By: Pinki Tue, 13 July 2021 2:37:16
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पूर्वोत्तर राज्यों में कोरोना के हालात पर चर्चा की। इस दौरान संभावित तीसरी लहर पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि हिल स्टेशन, मार्केट में बिना मास्क और प्रोटोकॉल के बिना भारी भीड़ का उमड़ना ठीक नहीं है। यह हमारे लिए चिंता का विषय है। पीएम ने कहा कि हमें कोरोना वायरस के हर वेरिएंट पर भी नज़र रखनी होगी। म्यूटेशन के बाद ये कितना परेशान करने वाला होगा, इस बारे में एक्सपर्ट्स लगातार स्टडी कर रहे हैं। ऐसे में रोकथाम और उपचार महत्वपूर्ण है। इस चर्चा में असम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, मेघालय, सिक्किम, त्रिपुरा और नगालैंड के मुख्यमंत्री शामिल हुए।
उन्होंने कहा, 'कुछ लोग सीना तानकर बोलते हैं कि तीसरी लहर आने से पहले एन्जॉय करना चाहते हैं। लोगों को समझना होगा कि तीसरी लहर अपने आप नहीं आएगी। सवाल होना चाहिए कि इसे कैसे रोकना है? प्रोटोकॉल का कैसे पालन करना है? कोरोना अपने आप नहीं आता, कोई जाकर ले आए, तो आता है। हम सावधानी बरतेंगे, तो ही इसे रोक पाएंगे।' उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे 'सबको वैक्सीन-मुफ्त वैक्सीन' अभियान की नॉर्थ ईस्ट में भी उतनी ही अहमियत है। तीसरी लहर से मुकाबले के लिए हमें वैक्सीनेशन की प्रक्रिया तेज़ करते रहना है।
ये सही है कि कोरोना की वजह से टूरिज्म, व्यापार-कारोबार बहुत प्रभावित हुआ है।
— PMO India (@PMOIndia) July 13, 2021
लेकिन आज मैं बहुत जोर देकर कहूंगा कि हिल स्टेशंस में, मार्केट्स में बिना मास्क पहने, भारी भीड़ उमड़ना ठीक नहीं है: PM @narendramodi
चर्चा के दौरान पीएम मोदी की अहम बातें
- हमें वायरस के हर वैरिएंट पर नजर रखनी होगी। संक्रमण को रोकने के लिए हमें माइक्रो-लेवल पर और सख्त कदम उठाने होंगे। ये वायरस बहरुपिया है। बार-बार रंग-रूप बदलता है। म्यूटेशन के बाद यह कितना परेशान करने वाला होगा। इस पर एक्सपर्ट स्टडी कर रहे हैं। प्रिवेंशन और ट्रीटमेंट बहुत जरूरी है। इस पर हमें अपना पूरा फोकस रखना है। वायरस का प्रहार दो गज की दूरी, मास्क और वैक्सीनेशन के कवरेज के आगे फीका पड़ जाएगा।
- हेमंत बिस्व सरमा बता रहे थे कि उन्होंने 6000 से ज्यादा माइक्रो-कंटेनमेंट जोन बनाए। इससे जिम्मेदारी तय होती है। माइक्रो-कंटेनमेंट जोन पर जितना जोर लगाएंगे, हम इस परिस्थिति से जल्द बाहर आएंगे। पिछले डेढ़ साल में जो अनुभव मिले हैं, उनका इस्तेमाल करना होगा। राज्यों और जिलों में कई इनोवेशन किए गए हैं, इन्हें जारी रखना होगा।
- हमें टेस्टिंग और ट्रीटमेंट के इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार करते हुए आगे चलना है। कैबिनेट ने 23 हजार करोड़ रुपए का नया पैकेज दिया है। नॉर्थ ईस्ट के हर राज्य को इस पैकेज से अपने हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने में मदद मिलेगी। जहां केस बढ़ रहे हैं, वहां ICU बेड बढ़ाने में मदद मिलेगी। ऑक्सीजन पर काम करना होगा।
- देशभर में ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं। नॉर्थ ईस्ट के लिए 150 प्लांट स्वीकृत हुए हैं। ये जल्द पूरे हों और बाधा न आए। स्किल्ड मैनपावर को भी तैयार कर लीजिए। भौगोलिक स्थिति को देखते हुए अस्थाई अस्पताल बनाना भी बहुत जरूरी है।
- ट्रेंड मैनपावर की जरूरत है। ICU बेड, ऑक्सीजन बेड, नए अस्पतालों के लिए ट्रेंड मैनपावर जरूरी है। इससे जुड़ी हर मदद केंद्र सरकार देगी। पूरे देश में 20 लाख से अधिक टेस्ट रोजाना करने की क्षमता हासिल कर चुके हैं। नॉर्थ ईस्ट के हर जिलों में टेस्टिंग क्षमता को बढ़ाना होगा। रैंडम टेस्टिंग के साथ एग्रेसिव टेस्टिंग करनी होगी।
- एक्सपर्ट बार-बार चेतावनी दे रहे हैं कि असावधानी, लापरवाही और भीड़भाड़ से कोरोना संक्रमण में भारी उछाल आ सकता है। जरूरी है कि हर स्तर पर कदम गंभीरता से उठाए जाएं। अधिक भीड़ वाले अगर रुक सकते है तो उन्हें रोकना चाहिए। केंद्र के सबको मुफ्त वैक्सीन मुहैया करा रहा है। तीसरी लहर के लिए वैक्सीनेशन को तेज करना होगा। सिलेब्रिटी, धर्म, शिक्षा और हर क्षेत्र से जुड़े लोग वैक्सीनेशन के लिए लोगों को जागरूक करें।
- देश भर में कोरोना के मामलों की संख्या में कमी के बावजूद, पूर्वोत्तर राज्यों ने हाल ही में कोविड -19 मामलों में वृद्धि देखी है। केंद्र सरकार ने इस महीने की शुरुआत में छह राज्यों में बहु-विषयक विशेषज्ञ टीमों को भेजा था, जिनमें से चार पूर्वोत्तर क्षेत्र- असम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा से थे। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा कि भारत में इस समय कोरोना के लगभग 80 प्रतिशत मामले 90 जिलों से देखे जा रहे हैं। इसमें 46 पूर्वोत्तर से हैं।
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