ब्रिक्स समिट के लिए साउथ अफ्रीका रवाना हुए PM मोदी, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात सम्भव
By: Shilpa Tue, 22 Aug 2023 12:27:36
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार 22 अगस्त को 15वें ब्रिक्स समिट में शामिल होने के लिए रवाना हो गए हैं। वो भारतीय समय के मुताबिक शाम करीब 5:15 बजे साउथ अफ्रीका पहुंचेंगे। PM मोदी 24 अगस्त तक दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग शहर में रहेंगे। इस दौरान वो कुछ सदस्य देशों के साथ द्विपक्षीय बातचीत भी करेंगे।
PM मोदी के साथ एक बिजनेस डेलिगेशन भी जा रहा है। विदेश मंत्रालय ने 21 अगस्त को ये जानकारी दी है। इससे पहले PM मोदी जुलाई 2018 में साउथ अफ्रीका गए थे।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी BRICS समिट में शामिल होंगे। ऐसे में PM मोदी की उनसे मुलाकात हो सकती है। दरअसल ब्रिक्स समूह में भारत के अलावा चीन, रूस, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील भी शामिल हैं। PM मोदी इसके बाद 25 अगस्त को ग्रीस के दौरे पर जाएंगे।
40 देश BRICS का मेंबर बनने की रेस में
14 साल पहले 2009 में बने समूह ब्रिक्स की बैठक इस बार काफी अहम मानी जा रही है। इसकी एकमात्र वजह इस संगठन का सदस्य बनने के लिए मची होड़ है। लगभग 40 देशों ने संगठन में शामिल होने की इच्छा जाहिर की है।
इनमें सऊदी अरब, तुर्किये, पाकिस्तान और ईरान भी शामिल हैं। इस बार की बैठक का सेंटर पॉइंट समूह का विस्तार ही होगा। हालांकि, इसके पांच सदस्य देशों के बीच अभी इस मुद्दे पर सहमति नहीं बन पाई है।
कोरोना के बाद ब्रिक्स समिट ऑनलाइन हुआ था। दो साल बाद इस समिट में पुतिन के अलावा सभी देशों के नेता व्यक्तिगत रूप से शामिल होंगे।
न्यूज एजेंसी 'ANI' की रिपोर्ट के मुताबिक इस बार की बैठक में 45 मेहमान देश शामिल हो सकते हैं। सम्मेलन के बाद अफ्रीका आउटरीच और ब्रिक्स प्लस डायलॉग किया जाएगा। इसमें दक्षिण अफ्रीका की ओर से आमंत्रित अन्य देश शामिल होंगे। विदेश मंत्रालय के सचिव विनय क्वात्रा के मुताबिक ब्रिक्स समिट में ग्लोबल इकोनॉमिक रिकवरी, जियो पॉलिटिकल चैलेंज और काउंटर टेरेरिज्म पर बातचीत की जाएगी।
साउथ अफ्रीका में क्यों हो रही है बैठक
ब्रिक्स संगठन में 5 मेंबर देश हैं। इनमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन और साउथ अफ्रीका शामिल हैं। ब्रिक्स देशों के बीच हर साल एक समिट होती है, जिसके लिए सभी देशों के लीडर्स इकट्ठा होते हैं। इसके लिए हर साल इन 5 देशों के बीच प्रेसिडेंसी और मेजबानी बदलती रहती है।
इस साल जनवरी में साउथ अफ्रीका के पास संगठन की मेजबानी पहुंची। लिहाजा, 22-24 अगस्त के बीच साउथ अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में ब्रिक्स समिट होगी। इसके बाद 2024 में रूस ब्रिक्स समिट की मेजबानी करेगा।
प्रधानमंत्री मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात पर सस्पेंस
बेशक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग BRICS की बैठक में शामिल हो रहे हैं। फिर भी दोनों देशों में बॉर्डर पर चल रहे तनाव के बीच ये नहीं माना जा सकता है वो मिलकर कोई बैठक करेंगे।
दक्षिण अफ्रीका में चीन के राजदूत चेन शियाओडांग ने कहा है कि मुझे भरोसा है कि दोनों राष्ट्रों के प्रमुखों की सीधी बातचीत और बैठक होगी। बहरहाल भारत के विदेश मंत्रालय की तरफ से ऐसा कोई संकेत नहीं मिला है।
भारत के लिए क्यों अहम है BRICS...
भारत की विदेश नीति दुनिया पर किसी एक देश के दबदबे के खिलाफ है। भारत एक मल्टीपोलर दुनिया का समर्थन करता है। ऐसे में भारत के लिए BRICS जरूरी है। इसकी बड़ी वजह ये भी है कि इसके मंच से भारत पश्चिमी देशों के दबदबे के खिलाफ खुलकर बोल सकता है और उसे दूसरे सदस्य देशों का समर्थन मिलता है। इस संगठन से जुड़कर भारत कई बड़े संगठनों जैसे WTO,वर्ल्ड बैंक और IMF में विकसित देशों के दबदबे को खुलकर चुनौती देता है।