एक राष्ट्र, एक चुनाव पर संसदीय समिति की पहली बैठक, भाजपा सदस्यों ने अवधारणा की सराहना की
By: Rajesh Bhagtani Wed, 08 Jan 2025 5:32:39
नई दिल्ली। एक साथ चुनाव कराने संबंधी दो विधेयकों की जांच के लिए गठित संसदीय समिति की बुधवार को पहली बैठक हुई। इस बैठक में भाजपा सदस्यों ने इस अवधारणा की सराहना की, जबकि विपक्षी सांसदों ने इस पर सवाल उठाए।
सूत्रों ने बताया कि बैठक के दौरान विधि एवं न्याय मंत्रालय के अधिकारियों ने प्रस्तावित कानूनों के प्रावधानों पर एक प्रस्तुति दी। इसमें भारतीय विधि आयोग सहित विभिन्न निकायों द्वारा एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराने के विचार का समर्थन किए जाने का हवाला दिया गया।
उन्होंने बताया कि भाजपा सदस्यों ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि यह देश के हित में है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के एक सदस्य ने कहा कि यह विचार संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ है, जबकि तृणमूल कांग्रेस के एक सांसद ने कहा कि यह लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों को नकारता है।
भाजपा सांसद पीपी चौधरी की अध्यक्षता वाली संसद की 39 सदस्यीय संयुक्त समिति में सभी प्रमुख दलों के सदस्य शामिल हैं, जिनमें कांग्रेस से प्रियंका गांधी वाड्रा, जेडी(यू) से संजय झा, शिवसेना के श्रीकांत शिंदे, आप के संजय सिंह और तृणमूल कांग्रेस से कल्याण बनर्जी शामिल हैं। चौधरी पूर्व कानून राज्य मंत्री हैं।
संविधान (129वां संशोधन) विधेयक और केंद्र शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक हाल ही में शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में पेश किए गए और समिति को भेजे गए।
सरकार ने समिति की ताकत 31 से बढ़ाकर 39 करने का फैसला किया, क्योंकि अधिक राजनीतिक दलों ने एक साथ चुनाव कराने के दो मसौदा कानूनों की जांच करने की कवायद का हिस्सा बनने की इच्छा जताई थी। पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, पुरुषोत्तम रूपाला और मनीष तिवारी के साथ-साथ अनिल बलूनी, बांसुरी स्वराज और संबित पात्रा सहित कई अन्य सांसद भी समिति के सदस्य हैं। इस समिति में लोकसभा से 27 और राज्यसभा से 12 सदस्य हैं।