संसद ने निष्कासन से पहले महुआ मोइत्रा को नहीं दी बोलने की इजाजत, दिया नियमों का हवाला

By: Rajesh Bhagtani Fri, 08 Dec 2023 6:44:33

संसद ने निष्कासन से पहले महुआ मोइत्रा को नहीं दी बोलने की इजाजत, दिया नियमों का हवाला

नई दिल्ली। संसद में आज तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा की सदस्यता रद्द करने का फरमान सुना दिया गया। यह कदम संसद ने उनके कैश फॉर क्वेरी मामले में उठाया है। संसद ने एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट पर कैश फॉर क्वेरी मामले में तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द कर दी गई है। इससे पहले संसद सत्र शुरू होते ही कई विपक्षी सांसदों ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से महुआ मोइत्रा को बोलने की अनुमति देने की मांग की।

कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा स्पीकर से महुआ मोइत्रा को बोलने की अनुमति देने की मांग की। उन्होंने कहा, ''जिसके खिलाफ कोई शिकायत है, जस्टिस कहता है कि उन्हें बोलने का मौका देना चाहिए। अगर महुआ मोइत्रा के खिलाफ को कोई शिकायत है तो कम से कम उन्हें बोलने का मौका तो देना चाहिए। यह नया सदन नये कलंकित अध्याय का आगाज न करें।''

सुदीप बंदोपाध्याय ने स्पीकर के सामने जोड़े हाथ

टीएमसी सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने लोकसभा में महुआ मोइत्रा को बोलने का मौका देने की मांग की। उन्होंने लोकसभा स्पीकर से मांग करते हुए कहा, "महुआ मोइत्रा के ऊपर आरोप लगें है तो उन्हें इस संसद में कम से कम 10 मिनट भी बोलने की अनुमति दें। उन्हें कुछ मिनट भी बोलने की अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है।"

इस दौरान उन्होंने सदन में हाथ जोड़कर कहा कि महुआ मोइत्रा को तृणमूल कांग्रेस पार्टी की ओर से बोलने दिया जाए। इसके बाद मोहुआ मोइत्रा बोलने के लिए खड़ी हुईं, लेकिन लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने उन्हें रोक दिया।

महुआ मोइत्रा को जरूर सुनना चाहिए- कल्याण बनर्जी

टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा, "अगर महुआ मोइत्रा को नहीं सुना जाएगा तो यह फेयर ट्राइल नहीं होगा। यह पार्लियामेंट है और आज हमलोग यहां एक सांसद को लेकर निर्णय लेने के लिए यहां मौजूद हैं। अगर हम संविधान की बात करते हैं तो हमें महुआ मोइत्रा को जरूर सुनना चाहिए।" इसके बाद उन्होंने लोकसभा स्पीकर से महुआ मोइत्रा को बोलने देने की रिक्वेस्ट की।

मनीष तिवारी ने भी की मांग

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा, "जिनके ऊपर आरोप लगाए गए (महुआ मोइत्रा) उन्हें अपनी बात रखने का मौका भी नहीं दिया गया। ये किस तरह की न्यायिक प्रक्रिया है। ये हर उस व्यक्ति का मौलिक अधिकार है कि जिस पर आरोप लगाए जाते हैं उसे बोलने का मौका दिया जाए।"

लोकसभा स्पीकर ने दिया ये जवाब


इसके जवाब में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा, "पुरानी परंपरा मेरे पास भी है, जिसका जिक्र संसदीय कार्यमंत्री ने भी किया है। पूर्व स्पीकर सोमनाथ चटर्जी और प्रणब मुखर्जी पहले यहां थे। उन्होंने जो नियम और परंपराएं दीं, वे हमारे नियम माने जाते हैं।" सोमनाथ चटर्जी ने कहा था कि जिन सदस्यों पर आरोप लगे हैं उन्हें समिति के सामने बोलने का पर्याप्त समय दिया जाता है।

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