जम्मू में स्थित श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीक आप शंभू मंदिर एक हमले का निशाना बना। पाकिस्तान की ओर से किया गया यह हमला सीधे मंदिर पर नहीं, बल्कि उसके निकट स्थित एक इमारत पर जा लगा। राहत की बात यह रही कि इस हमले में किसी के भी घायल या हताहत होने की कोई खबर नहीं है। घटना के तुरंत बाद, एसडीआरएफ की टीम और स्थानीय प्रशासन घटनास्थल पर पहुंच गए और स्थिति का जायजा लिया। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी स्वयं मौके पर पहुंचकर घटनास्थल की समीक्षा की।
प्रशासन ने यह स्पष्ट किया है कि मंदिर को कोई प्रत्यक्ष नुकसान नहीं पहुंचा है और न ही किसी नागरिक के घायल होने की जानकारी है। हमला मंदिर के नजदीक बने एक मकान पर हुआ, जिससे श्रद्धालुओं में अस्थायी चिंता जरूर फैली, लेकिन स्थिति अब नियंत्रण में है। भगवान शिव को समर्पित आप शंभू मंदिर जम्मू के प्राचीनतम और अत्यंत पूज्यनीय मंदिरों में गिना जाता है। महाशिवरात्रि के अवसर पर यहां हजारों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। मंदिर से जुड़ी कई चमत्कारी घटनाएं इसे और अधिक मान्यताप्राप्त बनाती हैं।
आस्था और इतिहास से जुड़ा आप शंभू मंदिर
जम्मू को यूं ही मंदिरों का शहर नहीं कहा जाता। यहां से लगभग 15 किलोमीटर दूर रूप नगर में भगवान शिव को समर्पित पवित्र आप शंभू मंदिर स्थित है। यह मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि हजारों वर्षों के पौराणिक इतिहास का भी साक्षी है।
रंग बदलता शिवलिंग – प्रकृति का अद्भुत चमत्कार
इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग को लेकर मान्यता है कि वह प्राकृतिक रूप से रंग बदलता है। शुक्ल पक्ष में यह शिवलिंग भूरे रंग का होता है, जबकि कृष्ण पक्ष में इसका रंग गहरा भूरा हो जाता है। यह रहस्य श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण और आस्था का केंद्र है।
आप शंभू मंदिर की उत्पत्ति की कथा
मंदिर की स्थापना से जुड़ी एक रोचक कथा प्रचलित है। कहा जाता है कि पुराने समय में इस स्थान पर घने जंगल हुआ करते थे। एक गुज्जर व्यक्ति रोज अपने मवेशियों को घास चराने के लिए यहां लाता था। उसकी एक गाय रोज बहुत दूध देती थी, लेकिन वह दूध घर नहीं पहुंचता था। इससे वह परेशान हो गया और एक दिन गाय का पीछा किया। गाय एक स्थान पर जाकर खड़ी हो गई और उसके थनों से दूध अपने आप निकलकर ज़मीन पर गिरने लगा।
वहां उसे एक पत्थर दिखाई दिया। उत्सुकतावश उसने उस पत्थर पर कुल्हाड़ी से वार कर दिया। पत्थर दो टुकड़ों में बंट गया और उससे खून बहने लगा। यह देखकर वह भयभीत हो गया और गांववालों को सूचना दी। सभी ने मिलकर वहां पूजा-अर्चना की और भगवान शिव से क्षमा मांगी। तब से इस स्थान को 'आप शंभू मंदिर' के नाम से जाना जाने लगा।